नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच विवाद अब कांग्रेस महासचिव और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत तक पहुंच गया है। सिद्धू ने हरीश रावत के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने हरीश रावत के इस बयान पर सवाल उठाया कि वर्ष 2022 का पंजाब विधानसभा चुनाव पार्टी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की अगुआई में लड़ेगी।
सिद्धू समर्थकों का कहना है कि विवाद सुलझाने के लिए गठित मल्लिकार्जुन खड़गे समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि 2022 का चुनाव कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुआई में लड़ा जाएगा। कैप्टन की अगुआई में लड़ने का कोई फैसला नहीं हुआ है। सिद्धू के पार्टी की ईंट से ईंट बजा दूंगा के बयान को भी उनके समर्थक हरीश रावत से जोड़कर पेश कर रहे हैं। उनका कहना है कि यह रावत के लिए है।
इस बीच, सिद्धू ने वीडियो ट्वीट कर परोक्ष रुप से कैप्टन पर निशाना साधा है। इन ट्वीट में सिद्धू ने लोकहित में बिजली खरीद के समझौतों को रद्द करने की मांग की है। इससे पहले सिद्धू ने गन्ने का समर्थन मूल्य को लेकर कैप्टन सरकार को घेरा था। उनका कहना था कि पंजाब में गन्ने के दाम हरियाणा, यूपी और उत्तराखंड से भी कम हैं। इसके बाद कैप्टन ने गन्ना किसानों की मांग मानते हुए कीमत में तीस फीसदी का इजाफा किया था।
पार्टी महासचिव और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत फिलहाल दोनों को साथ लेकर चलने की कोशिश रहे हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब में कई बड़े नेता है, सभी को साथ लेकर चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने कहा कि वह जल्द पंजाब का दौरा कर नेताओं से चर्चा करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि हरीश रावत मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष को बैठाकर एक साथ बातचीत कर सकते हैं। क्योंकि, दोनों नेताओं से झगड़े से पार्टी की फजीहत हो रही है।