नई दिल्ली। टीएलआई
पद से इस्तीफा देने के बाद पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिद्दू पहली बार गुरुवार को दिल्ली पहुंचकर केंद्रीय नेतृत्व से मिले। उनके नरम पड़े तेवर के बाद माना जा रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व उनके बारे में लचीला रुख अपना सकता है। इस दौरान प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने सिद्धू से संगठन को मजबूत करने को कहा।
पार्टी के संगठन महासचिव के सी वेणुगोपाल और प्रदेश प्रभारी हरीश रावत ने नवजोत सिंह सिद्धू से करीब 40 मिनट बातचीत की। हरीश रावत ने कहा कि सिद्धू से कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए कहा गया है। जब उनसे पूछा गया कि क्या आपने ये कहा कि वो अध्यक्ष पद पर रहेंगे? हरीश रावत ने कहा, मैंने ऐसा नहीं कहा, कल तक आपको स्थिति और साफ हो जाएगी। रावत ने कहा, सिद्धू ने आपसे स्पष्ट कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी का जो आदेश होगा, वह उन्हें मान्य होगा और वह उसका पालन करेंगे। आदेश बिल्कुल साफ है कि वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष के तौर पर अपना काम पूरी शक्ति से करें और सांगठनिक ढांचे को मजबूत करें। कल आपको इससे बड़ी सूचना विधिवत तरीके से मिल जाएगी।
कांग्रेस नेताओं से बातचीत के बाद सिद्धू ने कहा, मुझे राहुल गांधी और प्रियंका गांधी पर पूरा भरोसा है। दोनों सही फैसला लेंगे। आलाकमान पंजाब के हित में फैसला लेगा। नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा कि मैंने पंजाब के प्रति, पंजाब कांग्रेस के प्रति जो भी मेरी चिंताएं थी वो पार्टी हाईकमांन को बताई हैं। मुझे कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर पूरा भरोसा है। वे जो भी निर्णय लेंगे वो कांग्रेस और पंजाब के हित में होगा, उनके हर आदेश का पालन करूंगा। सिद्धू ने 28 सितंबर को कांग्रेस की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को लिखे पत्र में सिद्धू ने कहा था कि वह पार्टी की सेवा करना जारी रखेंगे। उन्होंने पत्र में लिखा था कि किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व में गिरावट समझौते से शुरू होती है, मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे को लेकर कोई समझौता नहीं कर सकता हूं।