नई दिल्ली। नीलू सिंह
दिल्ली की कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने साफ कर दिया कि उनकी पहली प्राथमिकता लोकसभा चुनाव हैं। शीला ने आप के साथ गठबंधन को लेकर जिस तरह के तेवर दिखाए, उससे कहीं न कहीं यह साफ हो रहा है कि आम आदमी पार्टी से कांग्रेस के गठबंधन की संभावना धीरे-धीरे कम हो रही है। उन्होंने कहा कि गठबंधन की बात मीडिया में है, हम ऐसा नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने तीखे लहजे में कहा, ‘जबसे उन्होंने राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने की मांग की है तब से और नहीं।’ हम अभी इस बारे में बात नहीं करना चाहते हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और जब हमें गठबंधन करना होगा तो हम अपने आप सोचेंगे, किसी के कहने पर ऐसा नहीं करेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने तेवर और अंदाज से लगभग यह साफ कर दिया है कि दिल्ली में लोकसभा चुनाव में गठबंधन की उम्मीद कम होती जा रही है। तीन राज्यों में जीत के बाद पार्टी में नई ऊर्जा का संचार हुआ है। इसकी झलक शीला के पदभार समारोह में भी दिखी। आठ से दस हजार लोगों की मौजूदगी में शीला ने पद संभाला। उन्होंने अपने अंदाज से जाहिर कर दिया कि वह चुनावों को हल्के में नहीं ले रहीं। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि यह पहली मुलाकात नहीं है, बार-बार मिलती रहूंगी। आगे की रणनीति के बारे में बताती रहूंगी। इस समय हमारी पहली प्राथमिकता लोकसभा चुनाव हैं। हमें जो आदेश मिलेगा, उसे हम पूरा करेंगे। वर्किंग प्रेजिडेंट के साथ काम करने के बारे में शीला ने कहा कि एक-दो दिन में वर्कआउट कर वह पूरी दिल्ली के लिए प्लान बनाएंगे। अल्पसंख्यक मतदाताओं के आप के साथ होने के बारे में शीला ने कहा कि यह सही नहीं है। हम ऐसा नहीं सोचते हैं। हमारे लिए अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक सभी महत्वपूर्ण हैं।