नई दिल्ली। टीएलआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्व और त्योहारों के मौसम का हवाला देते हुए एक बार फिर देशवासियों से स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने की अपील की। वहीं, पिछले सात वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या बढ़ने को सराहा।
रेडियो कार्यक्रम मन की बात की 82वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, खरीदारी मतलब ‘वोकल फॉर लोकल’ है। आप स्थानीय उत्पाद खरीदेंगे तो आपका त्योहार भी रोशन होगा और किसी गरीब भाई-बहन, किसी कारीगर, किसी बुनकर के घर में भी रोशनी आएगी। मुझे पूरा भरोसा है जो मुहिम हम सबने मिलकर शुरू की है, इस बार त्योहारों में और भी मजबूत होगी। उन्होंने अपील की कि लोग अपने यहां के स्थानीय उत्पाद खरीदें। उनके बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी भी साझा करें।
आगामी 31 अक्तूबर को सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर मनाए जाने वाले ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सभी का दायित्व है कि वह एकता का संदेश देने वाली किसी-न-किसी गतिविधि से जरूर जुड़ें। उन्होंने बताया कि सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देने और एकता के उनके संदेश को प्रसारित करने के लिए देशभर में अभियान चलाए जा रहे हैं। कश्मीर में सेना और सरकारी दफ्तरों के लिए तिरंगा सिलने का काम करने वाली महिलाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा, यह काम देशभक्ति की भावना से भरा हुआ है। मैं इन बहनों के जज्बे की सराहना करता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि पहले यह धारणा बन गई थी कि सेना और पुलिस जैसी सेवा केवल पुरुषों के लिए ही होती है। लेकिन आज ऐसा नहीं है। आंकड़े बताते हैं कि पिछले कुछ वर्षों में महिला पुलिसकर्मियों की संख्या दोगुनी हो गई है। 2014 में जहां इनकी संख्या 1.5 लाख के करीब थी, वहीं 2020 तक इसमें दोगुने से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यह संख्या अब 2.15 लाख तक पहुंच गई है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय सुरक्षा बलों में भी पिछले सात सालों में महिलाओं की संख्या लगभग दोगुनी हुई है। आज देश की बेटियां कठिन से कठिन कर्तव्य भी पूरी ताकत और हौसले से पूरा कर रही हैं। इस क्रम में उन्होंने सबसे कठिन माने जाने वाले प्रशिक्षणों में एक विशिष्ट जंगल युद्ध कमांडो के प्रशिक्षण का उल्लेख किया और कहा कि आगे जाकर यह प्रशिक्षित बेटियां कोबरा बटालियन का हिस्सा बनेंगी।