अल्मोड़ा। अल्मोड़ा में नाबालिग से दुराचार में दोषी को अंतिम सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई गई है। न्यायालय ने जेल अधीक्षक को आदेश दिया कि आरोपी की सजा कम करने के लिए किए गए आवेदन पर कोई अनुशंसा न करें।
अल्मोड़ा जिले में भनोली तहसील की एक ग्रामसभा की निवासी किशोरी बीते साल 9 जुलाई को सुबह 10 बजे सार्वजनिक टंंकी से पानी घर लौट रही थी। रास्ते में गांव के ही प्रताप सिंह ने किशोरी के ऊपर बोरा डाल दिया और जबरन अपने कमरे में खींचकर शारीरिक एवं यौन शोषण किया। किशोरी ने अपनी मां को बीती 11 जुलाई को पूरी घटना बतायी। किशोरी की मां ने दन्या थाने में पुलिस से शिकायत की। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच की और अभियुक्त प्रताप के खिलाफ आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। मामला विशेष सत्र न्यायाधीश डॉ. ज्ञानेंद्र कुमार शर्मा की अदालत में चला। अभियोजन की ओर से सात गवाह न्यायालय में पेश किये। साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर अभियुक्त को लैंगिक अपराध में दोषी मानते हुए न्यायालय ने अंतिम सांस तक जेल में रहने (आजीवन कारावास) की सजा सुनाई। न्यायालय ने पीड़िता के सामाजिक और आर्थिक पुनर्वास के लिए 7 लाख रुपये राज्य सरकार की ओर से दिये जाने के आदेश भी दिए।