काबुल।
अफगानिस्तान में गठित हो रही तालिबानी सरकार के सरताज अब्दुल गनी बरादर होंगे। शुक्रवार को अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का खाका तैयार हो गया। वहीं तालिबान के फाउंडर मुल्ला उमर का बेटे मुल्ला मोहम्मद याकूब और साथ ही शेर मोहम्मद अब्बास स्टेनकजई भी अहम भूमिका में होंगे। नई सरकार का ऐलान शनिवार को होने की संभावना है। सरकार बनाने के लिए तालिबान के सभी शीर्ष नेता काबुल पहुंच गए हैं।
काबुल में शुक्रवार को राष्ट्रपति भवन के बाहर महिलाओं ने अपने अधिकारों को लेकर प्रदर्शन किया है। ये महिलाएं आने वाली तालिबान सरकार से अपने अधिकारों को बनाए रखने की मांग कर रही थीं। उनका कहना था कि हमें पिछली सरकार में जो अधिकार दिए गए थे, ऐसे तालिबान सरकार को बनाए रखना चाहिए। साथ ही नई सरकार में भी महिलाओं को प्रतिनिधित्व देना चाहिए। महिलाएं तख्तियां लेकर राष्ट्रपति भवन के बाहर पहुंचाी थीं। इन तख्तियों पर लिखा हुआ था- हम अतीत में नहीं लौटना चाहते। प्रदर्शनकारियों ने मांग की कि, अफगान महिलाओं को देश के भविष्य में शिक्षा, सामाजिक और राजनीतिक योगदान और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित सामान्य स्वतंत्रता का पूरा अधिकार दिया जाए। जानकारी के अनुसार तालिबान का सह संस्थापक मुल्ला बरादर संगठन में दूसरे नंबर का नेता है। तालिबान के 1996 से 2001 तक के शासन में मुल्ला बरादर ने अहम भूमिका निभाई थी। 2001 में अमेरिकी हमले के वक्त वो अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार का रक्षा मंत्री था। जब अमेरिका ने अफगानिस्तान में कब्जा किया तो मुल्ला बरादर पाकिस्तान चला गया था। 2010 में पाकिस्तान ने मुल्ला बरादर को जेल में डाल दिया, क्योंकि उस पर आरोप लगा कि उसने पाकिस्तान को भरोसे में लिए बिना अफगानिस्तान सरकार से बात कर रहा है। 2018 में तालिबान ने कतर के दोहा में अपना राजनीतिक दफ्तर खोला था। वहां अमेरिका से शांति वार्ता के लिए जाने वाले लोगों में बरादर प्रमुख था।
सूत्रों के मुताबिक अफगानिस्तान की वास्तविक सत्ता शूरा समिति के हाथ में ही रहेगी। बता दें शूरा अरबी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ एक ऐसी समिति या कमेटी से है जो सलाह या परामर्श देती है। जानकारी के मुताबिक, फिलहाल किसी इस्लामिक देश में पूरी तरह शूरा लागू नहीं है। कई देश ऐसे हैं जहां किसी न किसी रूप में इसका अस्तित्व है, लेकिन वहां इसका आदेश आखिरी आदेश नहीं कहा जा सकता है।