नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल के देश के प्रति महान योगदान को मिटाने और कम करके दिखाने के प्रयास किए गए। उन्हें लंबे समय तक भारत रत्न से वंचित रखा गया। शाह ने पटेल की जयंती से पहले ‘रन फॉर यूनिटी’ दौड़ को हरी झंडी दिखाते हुए कहा कि यह देश के प्रथम गृह मंत्री की दूरदर्शिता तथा सूझबूझ के कारण ही संभव हो सका कि 550 से अधिक रियासतों का भारत में विलय हुआ और देश एकजुट हुआ। गृह मंत्री दिल्ली के मेजर ध्यानचंद राष्ट्रीय स्टेडियम में आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को अमित शाह संबोधित कर रहे थे। अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल के प्रयासों से ही लक्षद्वीप, जूनागढ़, हैदराबाद और अन्य सभी रियासतों का भारत में विलय हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केवड़िया में पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा स्थापित की और उन्हें उचित सम्मान दिया तथा उनकी स्मृति को जीवित रखा है। सरदार पटेल को 1950 में उनके निधन के 41 वर्ष बाद 1991 में देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न से सम्मानित किया गया था। शाह ने कहा कि देश के लोग अब एकजुट हैं और उन्होंने 2047 तक भारत को पूर्ण विकसित राष्ट्र बनाने के प्रधानमंत्री के सपने को पूरा करने के लिए खुद को समर्पित कर दिया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सभी देशवासियों के सामने 2047 तक पूर्ण विकसित भारत बनाने का संकल्प रखा है। गृह मंत्री ने कहा कि ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन आमतौर पर पटेल की जयंती यानी 31 अक्तूबर को किया जाता है, लेकिन इस साल उस दिन दिवाली होने की वजह से इसे दो दिन पहले आयोजित किया गया। आज धनतेरस है और हम इस शुभ अवसर पर दौड़ का आयोजन कर रहे हैं। मोदी सरकार 2014 से हर साल 31 अक्तूबर को ‘राष्ट्रीय एकता दिवस’ के रूप में मना रही है। पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नाडियाड में हुआ था।