हल्द्वानी। कॉर्बेट नेशनल पार्क में रात्रि विश्राम खोलने को लेकर तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। पर्यटक 15 नवंबर से कॉर्बेट के गेस्ट हाउसों में रुककर जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। इस बार ढिकाला से सटे ग्रासलैंड में अभी तक पानी जमा है। इससे पानी वाली जगहों पर अभी जंगल सफारी नहीं कराने का निर्णय लिया गया है। यहां पानी भरा होने से वाहनों के फंसने का खतरा बना हुआ है। पानी सूखने के बाद ही यहां सफारी को अनुमति दी जाएगी।
हर साल 15 जून को कॉर्बेट पार्क को रात्रि विश्राम के लिए बंद कर दिया जाता है। इसका कारण बरसात में जंगल सफारी वाले रास्ते खस्ताहाल होना और नदी नालों में अधिक पानी आ जाना है। 15 नवंबर को ढिकाला, बिजरानी, ढेला और झिरना जोन में रात्रि विश्राम खोल दिया जाता है। पार्क के डिप्टी डायरेक्टर राहुल मिश्रा ने बताया कि गेस्ट हाउसों की मरम्मत का काम पूरा हो गया है। पर्यटकों के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम कर लिए गए हैं। उन्होंने बताया कि बरसात में रामगंगा नदी पूरे उफान पर आ जाती है। इससे ढिकाला के ग्रासलैंड में भी नदी का पानी आ जाता है। ढिकाला के मुख्य गेस्ट हाउस से आगे वाले ग्रासलैंड में अब भी पानी जमा है। ऐसे में 15 नवंबर से जिप्सियों को पानी वाली जगहों पर नहीं जाने दिया जाएगा। पानी सूखने के बाद ही वाहनों को जाने देने की अनुमति दी जाएगी। ग्रासलैंड का दायरा दो किलोमीटर लंबा और करीब तीन किलोमीटर चौड़ा है। सूखी जगहों पर पहले की तरह ही जंगल सफारी होगी। बीते साल ढिकाला गेस्ट हाउस के पास एक बाघ हमलावर हो गया था। बाघ ने दो वन कर्मियों को मार डाला था। इसके बाद ढिकाला ग्रासलैंड में जंगल सफारी पर रोक लगाई गई थी। बाघ को ट्रैंकुलाइज करने के बाद जंगल सफारी शुरू कराई गई थी।