नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
देश में ड्रोन परिचालन के नियमों को आसान कर दिया गया है। नागर विमानन मंत्रालय ने ड्रोन के लिए लिए भरे जाने वाले आवश्यक प्रपत्रों की संख्या 25 से घटा कर पांच करने के साथ ही परिचालक से लिए जाने वाले शुल्क के प्रकारों को 72 से घटाकर चार कर परिचालन संबंधी नियमों में राहत दी है। ड्रोन नियम, 2021 बुधवार को जारी किए गए। इन नये नियमों ने मानव रहित विमान प्रणाली (यूएएस) नियम, 2021 का स्थान लिया है जो इस साल 12 मार्च को लागू हुआ था।
नए नियमों के अनुसार, शुल्क को नाममात्र के स्तर तक घटा दिया गया है और ड्रोन के आकार से अलग कर दिया गया है। उदाहरण के लिए, सभी श्रेणियों के ड्रोनों के रिमोट पायलट लाइसेंस के लिए शुल्क 3,000 रुपये (एक बड़े ड्रोन के लिए) को घटाकर 100 रुपये कर दिया गया है और यह 10 साल के लिए वैध रहेगा। नए नियमों में विभिन्न मंजूरियों की आवश्यकता को भी समाप्त कर दिया है, जिनमें अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रख-रखाव का प्रमाण पत्र, आयात मंजूरी, मौजूदा ड्रोन की स्वीकृति, परिचालक परमिट, शोध एवं विकास संगठन की स्वीकृति और विद्यार्थी रिमोट पायलट लाइसेंस शामिल हैं।
ड्रोन नियम, 2021 के मुताबिक अन्य स्वीकृतियां जैसे विशिष्ट प्राधिकरण संख्या, विशिष्ट प्रोटोटाइप पहचान संख्या और विनिर्माण एवं उड़ान योग्यता का प्रमाण-पत्र आदि को भी समाप्त कर दिया गया है। नये नियमों के अनुसार ग्रीन जोन में 400 फुट तक और हवाई अड्डे की परिधि से आठ से 12 किलोमीटर के बीच के क्षेत्र में 200 फुट तक उड़ान की अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। ग्रीन ज़ोन का मतलब 400 फुट की ऊर्ध्वाधर दूरी तक का हवाई क्षेत्र है जिसे हवाई क्षेत्र के नक्शे में रेड ज़ोन या येलो ज़ोन के रूप में नामित नहीं किया गया है। नियमों में यह भी कहा गया है कि भारत में पंजीकृत विदेशी स्वामित्व वाली कंपनियों द्वारा ड्रोन परिचालन पर कोई प्रतिबंध नहीं होगा। ड्रोन नियम, 2021 ने ड्रोन के हस्तांतरण एवं पंजीकरण को रद्द करने के लिए आसान प्रक्रिया भी निर्धारित की है। नियमों में कहा गया है कि माइक्रो ड्रोन (गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए) और नैनो ड्रोन के लिए किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं होगी। साथ ही कहा गया है कि उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माना घटा कर एक लाख रुपये कर दिया गया है।