पटना। राजेन्द्र तिवारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आबादी के हिसाब से आरक्षण की मांग का समर्थन किया है। उन्होंने केंद्र सरकार से 2021 की जनगणना जातीय आधार पर कराने की आवश्यकता जताई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जातीय जनगणना होने पर पता चलेगा कि किस जाति की कितनी आबादी है। खासकर ओबीसी के बारे में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यकों की जानकारी तो जनगणना में मिल जाती है, लेकिन ओबीसी की आबादी की ठीक-ठीक जानकारी नहीं मिलती है। मुख्यमंत्री सोमवार को लोक संवाद कार्यक्रम के बाद एक अणे मार्ग में संवाददाताओं से बात कर रहे थे।नीतीश कुमार ने कहा कि देश में ओबीसी की अनेक ऐसी जातियां हैं जिनको संविधान से मिले आरक्षण का लाभ अभी भी नहीं मिल पाता है। जातीय जनगणना के बाद उनकी आबादी की सही तस्वीर सामने आ जाएगी। हम चाहते हैं कि ना सिर्फ ओबीसी बल्कि सभी जातियों की आबादी की हिसाब से जनगणना होनी चाहिए। ओबीसी समुदाय से आबादी के हिसाब से आरक्षण की बार-बार मांग हो रही है। हम इसका समर्थन करते हैं, लेकिन सिर्फ मांग के लिए मांग नहीं होनी चाहिए। कोई बात हो रही है तो उसका रास्ता भी निकलना चाहिए। जातीय जनगणना होने पर बहुत सारी चीजें सामने आ जाएंगी। वैसे भी देश में 1931 के बाद जाति आधारित जनगणना नहीं हुई है। उस समय के बाद से जातियों की स्थिति बहुत कुछ बदल चुकी है।