नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
हरियाणा सरकार ने निजी नौकरियों में भी आराक्षण लागू करने का फैसला किया है। सरकार ने इसके लिए रोजगार अधिनियम 2020 लागू करने के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। अब प्रदेश में 15 जनवरी 2022 से निजी क्षेत्र की नौकरियों में भी आरक्षण नियम प्रभावी माने जाएंगे। रोजगार अधिनियम लागू होने के बाद निजी सेक्टर की कंपनियों के लिए 30 हजार रुपये महीना तक की नौकरियों में हरियाणा के मूल निवासी युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देना अनिवार्य हो जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेश को 2024 तक बेरोजगार मुक्त-रोजगार युक्त बनाने का लक्ष्य हासिल करने के लिए इस अधिनियम को बेहद अहम बताया है।
अधिसूचना जारी करने के मौके पर मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि युवाओं को किसी भी प्रकार से चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। प्रदेश सरकार हर समय उनके साथ खड़ी है और उनके लिए रोजगार के अवसर निरंतर सुनिश्चित कर रही है। वर्तमान राज्य सरकार ने सत्ता में आने से पहले निजी क्षेत्र की नौकरियों में आरक्षण लागू करने का वादा किया था। सरकार ने इस वादे को महज दो वर्षों के अंतराल में ही पूरा कर दिया। यह एक अभूतपूर्व कदम है और इससे हजारों युवा लाभान्वित होंगे। हरियाणा सरकार द्वारा निजी नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 प्रतिशत आरक्षण देने वाले कानून को अधिसूचित करने पर भारतीय उद्योग जगत ने शनिवार को इस कानून पर फिर से विचार करने का आह्वान किया। साथ ही कहा कि इससे बहुराष्ट्रीय कंपनियां राज्य से बाहर चली जाएंगी। उद्योग निकायों ने तर्क दिया कि आरक्षण प्रतिस्पर्धा को नुकसान पहुंचाता है और राज्य सरकार स्थानीय भर्ती को बढ़ावा देने के लिए उद्योग को 25 प्रतिशत सब्सिडी दे सकती है। भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) ने कड़े शब्दों में प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि ऐसे समय में जब राज्य में निवेश आकर्षित करना महत्वपूर्ण है, सरकारों को उद्योग पर प्रतिबंध नहीं लगाना चाहिए। आरक्षण उत्पादकता और प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता को प्रभावित करता है।