हरिद्वार। श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़ा परिसर माया देवी मंदिर में शुक्रवार को विश्व धर्म संसद आयोजित हुई। इस दौरान महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी ने कहा कि धर्म संसद का प्रमुख लक्ष्य सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना है। अगर हम सनातन वैदिक राष्ट्र की स्थापना करने में असफल हो गए तो सनातन धर्म का विनाश कोई नहीं रोक सकेगा।
जिला प्रशासन से अनुमति नहीं मिलने पर पहले दिन विश्व धर्म संसद नहीं हो सकी थी, लेकिन शुक्रवार को माया देवी मंदिर में धर्म संसद आयोजित की गई। इसमें अलग-अलग राज्यों से आए साधु-संतों ने हिस्सा लिया। एक स्वर में प्रधानमंत्री से बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिन्दुओं की रक्षा के लिए अविलम्ब सैन्य कार्रवाई की मांग की गई। अयोध्या हनुमान गढ़ी के श्रीमहंत राजू दास ने विश्व धर्म संसद रोके जाने पर आक्रोश जताया। उन्होंने कहा कि यह सनातन धर्म के अपमान की पराकाष्ठा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड देवभूमि है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी इस मामले का संज्ञान लेकर कार्यवाही करें। कालीचरण महाराज ने कहा कि सनातन धर्म का अस्तित्व तभी बच सकता है, जब इसके धर्मगुरु धर्मसत्ता को राजसत्ता का अनुगामी नहीं, बल्कि उसका मार्गदर्शक बनाएंगे। इस दौरान श्रीमहंत महाकाल गिरी, श्रीमहंत सत्यानंद गिरी, साध्वी आस्था, साध्वी निर्मला, यति परमात्मानंद गिरी महंत, अविराम दास योगी, सरोजनाथ, यति यतेंद्रानंद, यति कृष्णानंद गिरी, यति सत्यदेवानंद, आचार्य गिरधर स्वामी, स्वामी चंद्र देव, जगतगुरु स्वामी अवधेश प्रपन्नाचार्य, यति निर्भयानंद गिरी, यति सत्यानंद गिरी, यति रणसिंहानंद गिरी आदि उपस्थित रहे।