फलस्तीन राज्य की मान्यता स्वीकार नहीं: नेतन्याहू

अंतरराष्ट्रीय

यरुशलम। गाजा-हमास संघर्ष के बीच युद्धविराम के अंतरराष्ट्रीय दबाव के बीच इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि फलस्तीन राज्य की अंतरराष्ट्रीय मान्यता को इजरायल खारिज करता है और एकतरफा मान्यता का विरोध करता रहेगा।
उन्होंने गुरुवार देर रात एक्स पर एक पोस्ट कर कहा कि इजरायल स्पष्ट रूप से फलस्तीन के साथ स्थायी समाधान के संबंध में अंतरराष्ट्रीय निर्देशों को खारिज करता है। इस तरह की व्यवस्था केवल पार्टियों के बीच बिना किसी शर्त के सीधी बातचीत के माध्यम से ही हो सकती है। अगर उसे किसी तरह की मान्यता दी जाती है तो यह हमास आतंकियों के लिए एक उपहार की तरह होगा और भविष्य में किसी भी शांति समझौते में बाधक होगा। इजरायल और फलस्तीन के बीच शांति स्थापना के लिए अमेरिका अरब देशों के साथ मिलकर एक योजना पर काम कर रहा है। इस योजना में फलस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए एक निश्चित समय सीमा भी रखी गई थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, युद्धविराम योजना कम से कम छह सप्ताह तक चलने की उम्मीद है जो पवित्र रमजान के महीने में 10 मार्च से शुरू हो सकती है, इससे पहले दोनों पक्षों में एक समझौता हो सकता है। समझौते में युद्ध विराम, बंधकों की रिहाई और फिलिस्तीनी राज्य की अंतिम स्थापना के लिए एक समय सारिणी शामिल होगी।
राफा में इजरायली सैनिकों ने कार्रवाई शुरू कर दी है। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजरायली पीएम बेंजामिन नेतन्याहू को चेतावनी दी कि नागरिकों की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए सैन्य अभियान चलाया जाए। व्हाइट हाउस ने बताया कि जो बाइडन ने गुरुवार को इजराइली पीएम से कहा कि उन्हें फलस्तीनी नागरिकों की रक्षा के लिए एक भरोसेमंद और जमीन पर उतारी जाने लायक योजना के बिना राफा सीमा पर सैन्य कार्रवाई नहीं करनी चाहिए। राफा में इजरायली सेना के हमलों की आशंका के बीच ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, न्यूजीलैंड, संयुक्त राष्ट्र समेत कई अरब देशों ने इजरायल से अपील की है कि वह राफा में जमीनी हमले न शुरू करे। ब्रिटिश पीएम ऋषि सुनक ने नेतन्याहू को फोन पर बताया कि ब्रिटेन राफा में सैन्य घुसपैठ के संभावित विनाशकारी मानवीय प्रभाव के बारे में गहराई से चिंतित है। खान यूनुस के नासिर अस्पताल में इजरायली सेना के छापे के बाद लोगों की दिक्कत बढ़ गई हैं। अस्पताल से जुड़े लोगों ने कहा कि सेना ने यहां बिजली काट दी है, जेनरेटर नहीं चलने दिए जा रहे हैं, जिससे ऑक्सीजन की कमी से चार मरीजों की मौत हो चुकी है। सेना को जांच के दौरान यहां से हथगोले और मोर्टार बरामद हुए हैं। वहीं, सात अक्तूबर को हुए आतंकी हमलों के शक में शुक्रवार को सेना ने बीस लोगों को हिरासत में लिया गया। सेना ने दावा किया अस्पताल में कार्रवाई के दौरान उसने बीस आतंकियों को मार गिराया है। हमास संचालित स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि अस्पताल पर इजरायली सेना ने पूरी तरह नियंत्रण कर लिया है। छह गंभीर रोगियों और तीन बच्चों का भाग्य अब सेना के हवाले है।

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