देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड सरकार सुधर जाए नहीं तो आठ दिन में ठीक कर देंगे। देहरादून पहुंचे किसान नेता राकेश टिकैत यह चेतावनी राज्य सरकार को दी। साथ ही उन्होंने किसान-मजदूरों की दशा में सुधार के लिए पांच सुझाव देते हुए, उन्हें लागू करने की मांग की। यही नहीं उन्होंने कहा कि सरकार ने किसान-मजदूरों पर फोकस नहीं किया तो आंदोलन किया जाएगा।
किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बुधवार सुबह उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों के बीच अपनी बात रखी। सबसे पहले उन्होंने तीनों कृषि कानूनों का विरोध किया। कहा कि सरकार इनमें 18 संशोधन करना चाहती है। बोले, इतनी जल्दी संशोधन की जरूरत पड़ी तो कानून किस काम के। कहा कि देश की मंडियां बंद हो जाएंगी तो किसान का क्या होगा। बोले, बिहार में ऐसा हुआ है। वहां व्यापारी किसानों का धान 800 रुपये कुंतल खरीद रहे हैं और उसे बड़े मुनाफे पर बेच रहे हैं। कहा कि यह कानून कंपनियों के लिए बने हैं। तभी तो इनके बनने से पहले बड़ी कंपनी के गोदाम तैयार हो गए थे। इसके बाद उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधा। बोले, यहां की सरकारों की बेकदरी से राज्य बर्बाद हो गया है। उन्होंने राज्यों के तराई और पहाड़ी किसान-मजदूरों की समस्याओं को प्रमुखता से उठाया और पांच सुझाव दिए।
उन्होंने कहा कि सरकार विलेज टूरिज्म पॉलिसी लागू करे, ताकि यहां आने वाले पर्यटक गांवों में रुकें, नहीं तो बाहरी राज्यों में बैठे लोगों के होटल में वह ठहरते हैं। बाहर से पर्यटक यहां पैसा खर्च करके जाते हैं, जो वापस बाहर चला जाता है। दूसरे सुझाव में किसानों विशेषकर पहाड़ में फल-सब्जी की खेती करने वाले किसानों के लिए ट्रांसपोर्ट सब्सिडी दिए जाने की मांग की। राज्य के अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर पर बढ़ते पलायन को गंभीरता से लिया। कहा कि जौनसार बावर क्षेत्र की तरह ऐसे क्षेत्र के लोगों को भी एसटी श्रेणी का दर्जा मिले। नौकरी में हिल पॉलिसी के तहत पहाड़ के लोगों को पहाड़ पर नौकरी करने पर इसका अलाउंस दिए जाने और एमएसपी लागू करने की मांग की। उनके साथ राज्य के किसान नेता भी मौजूद थे।