नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
ओलंपिक में 41 साल बाद पदक लाने वाली हॉकी टीम के खिलाड़ियों को केंद्र सरकार ने बड़ा सम्मान दिया है। इसके तहत भारत के सर्वोच्च खेल सम्मान खेल रत्न पुरस्कार का नाम अब राजीव गांधी खेल रत्न नहीं बल्कि मेजर ध्यानचंद खेल रत्न किया गया है। खेल रत्न सम्मान के तहत 25 लाख रुपये नकद पुरस्कार दिया जाता है। 1991-92 में शुरू की गई ‘खेल रत्न’ पुरस्कार से अब तक 43 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया है। उधर हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के बेटे और पूर्व हॉकी खिलाड़ी अशोक ध्यानचंद ने खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद खेल पुरस्कार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और खेल मंत्रालय का धन्यवाद दिया है। वहीं कांग्रेस ने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किए जाने का स्वागत किया है।
राजीव गांधी खेल रत्न का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न करने की घोषणा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि उन्हें देश से भी नागरिकों के अनुरोध मिल रहे हैं कि खेल रत्न पुरस्कार का नाम मेजर ध्यानचंद के नाम पर रखा जाए। उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए खेल रत्न पुरस्कार को अब मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार कहा जाएगा। मेजर ध्यानचंद खेलों में भारत को गौरवान्वित और सम्मानित करने वाले अग्रणी खिलाड़ियों में से थे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष और महिला हॉकी टीमों के प्रदर्शन ने पूरे देश को रोमांचित किया है। उन्होंने कहा कि अब हॉकी में लोगों की दिलचस्पी फिर से बढ़ी है जो आने वाले समय के लिए सकारात्मक संकेत है। उधर, कांग्रेस ने राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड का नाम मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवार्ड किए जाने का स्वागत किया है। पार्टी का कहना है कि मेजर ध्यानचंद को पूरी दुनिया हाकी का जादूगर कहती है। पार्टी के उनके प्रति अपना सम्मान करती है। इसके साथ पार्टी ने सरकार से नरेंद्र मोदी स्टेडियम का नाम किसी खिलाड़ी के नाम पर रखने की मांग की है।