लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
लखीमपुर खीरी के तिकुनिया कांड में मारे गए किसान लवप्रीत सिंह के घर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी समेत कई कांग्रेसी नेता बुधवार को पहुंचे। राहुल ने लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह और प्रियंका ने मां सतविंदर कौर और बहन अमनदीप को गले लगाकर ढांढस बंधाया। राहुल और प्रियंका से मिलकर परिवार भावुक हो गया। दोनों ने हालात की जानकारी ली। राहुल गांधी लवप्रीत के पिता के पास जमीन पर बैठे और प्रियंका उनकी बहन के पास बैठकर ढांढस बंधाती रहीं। यहां राहुल ने पत्रकारों से कोई बात नहीं की और न ही बयान दिया।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को लखनऊ से लखीमपुर जाने की इजाजत मिलने के बाद लखनऊ से उनका काफिला लखीमपुर के लिए रवाना हुआ। रास्ते में राहुल गांधी सीतापुर कुछ देर रुके। प्रियंका गांधी को साथ लिया और उनका काफिला चल पड़ा। सीतापुर से चलकर राहुल गांधी सीधे चौखड़ा फार्म पहुंचे। अगर देखा जाए तो लखनऊ से चौखड़ा फॉर्म तक राहुल गांधी का सिर्फ एक ही स्टापेज सीतापुर में कुछ देर के लिए रहा। सीतापुर से चलने के बाद उनका काफिला सीधे चौखड़ा फार्म पहुंचा। इस बीच करीब 150 किलोमीटर का सफर करने के बाद गाड़ी से उतरे तो सीधे सतनाम सिंह के घर में ही रुके। करीब 18 मिनट तक फर्श पर बैठे। इसके बाद फिर वापस अपनी गाड़ी में बैठ कर तिकुनिया कांड में मारे गए पत्रकार रमन मिश्रा के घर चले गए। उनके साथ पंजाब और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री के अलावा कांग्रेसी प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू भी मौजूद रहे। जिले के कांग्रेसी नेता भी उनके पीछे दौड़ते रहे। बताया जा रहा है कि बुधवार की शाम को सीतापुर से प्रियंका गांधी को साथ लेकर निकले राहुल गांधी काफिले के साथ सीधे पलिया के चौखड़ा फार्म स्थित सतनाम सिंह के यहां पहुंचे। तिकुनिया कांड में किसान सतनाम सिंह के बेटे लवप्रीत की मौत हो गई थी। राहुल गांधी, प्रियंका गांधी, भूपेश बघेल, चरणजीत सिंह चन्नी और अजय लल्लू ही घर के अंदर घुसे। जाते ही जमीन पर बैठ गए। राहुल गांधी लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह से बात करते रहे वहीं प्रियंका गांधी लवप्रीत की मां सतविंदर कौर, बहन अमनदीप व गगनदीप कौर को सांत्वना देती रही। राहुल गांधी ने सतनाम सिंह से कहा कि वह परिवार के साथ हैं। उन्होंने पीड़ित परिवार को इंसाफ दिलाने का भरोसा दिलाया। बताया जाता है कि लवप्रीत के पिता सतनाम सिंह ने राहुल गांधी से कहा कि उनको सरकार की ओर से मुआवजा मिला है। मुआवजा कोई इंसाफ नहीं होता है। पिता सतनाम ने राहुल से कहा कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होगी और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं होती तब तक इंसाफ नहीं मिलेगा। करीब 18 मिनट तक परिवार को ढांढस बंधाते हुए राहुल गांधी ने घटना के बारे में भी जानकारी ली। यहां राहुल गांधी ने पत्रकारों से कोई बात नहीं की। इसके बाद वह यहां से पत्रकार रमन कश्यप के घर की ओर रवाना हो गए।