नई दिल्ली। टीएलआई
राफेल विमान सौदे को लेकर कांग्रेस एक बार फिर केंद्र पर हमलावर है। पार्टी ने सरकार पर राफेल सौदे में भ्रष्टाचार को दबाने के लिए ‘ऑपरेशन कवरअप’ चलाने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालकर सरकारी खजाने को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचाया गया है। पार्टी ने सीबीआई और ईडी की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
राफेल सौदे को लेकर हुए नए दावे के बाद कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने सरकार पर सच्चाई छिपाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 23 अक्तूबर 2018 को सरकार ने सीबीआई के तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा को मध्यरात्रि पद से हटा दिया था। उनकी जगह नागेश्वर राव को नया सीबीआई प्रमुख बनाया गया था। यह सब राफेल घोटाले को दबाने के लिए किया गया था।
खेड़ा ने सवाल किया कि आखिर सरकार, सीबीआई और ईडी ने पिछले तीन साल से कमीशन व भ्रष्टाचार के सबूतों पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्होंने दावा किया कि यह कोई 60 या 80 करोड़ का घोटाला नहीं है। यह हजारों करोड़ का घोटाला है। यूपीए सरकार ने अंतरराष्ट्रीय टेंडर के जरिये 526 करोड़ रुपये में तकनीक हस्तांतरण का सौदा किया था। वहीं, राफेल विमान बाद में बिना किसी टेंडर के 1670 करोड़ रुपये में खरीदा गया।
कांग्रेस ने सरकार से सवाल किया कि तकनीक के हस्तांतरण के बैगर हम 36 विमानों के लिए 41 हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त क्यों दे रहे हैं। सवाल यह भी है कि किसने पैसा कमाया और कितनी रिश्वत दी गई। जब 126 विमानों का लाइव अंतरराष्ट्रीय टेंडर था तो 36 विमान ‘ऑफ द शेल्फ’ कैसे खरीदे जा सकते हैं। इससे लडाकू विमान सौदे में हजारों करोड़ रुपये की रिश्वत दिए जाने के संकेत मिलते हैं।