लखनऊ। राजेंद्र तिवारी
लखीमपुर-खीरी घटना को लेकर यूपी की सियासत में उबाल आ गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सीतापुर में हाउस अरेस्ट हैं और उन्होंने ऐलान किया है कि पुलिस उन्हें जब भी छोड़ेगी, वह किसानों से मिलने जरूर जाएंगी। इससे पहले रविवार रात 12 बजे लखनऊ से निकली प्रियंका लखीमपुर नहीं पहुंच पाईं। पुलिस से बचने के लिए चिरपरिचित शैली में उन्होंने रास्ते में दो से तीन बार वाहन बदले, लेकिन तड़के 5 बजे हरगांव में उन्हें हिरासत में लिया गया और सीतापुर पीएसी कैम्पस में हाउस अरेस्ट किया गया है।
प्रियंका ने कहा कि दबाव के चलते सरकार को मुआवजे की घोषणा करनी पड़ी। यदि हम लोग लखीमपुर के लिए न निकलते तो ऐसा नहीं होता। वह सरकार पर जम कर गरजीं और कहा कि यदि विपक्ष को रोकने के लिए इतनी पुलिस लगाई है तो किसानों की सुरक्षा के लिए क्यों नहीं लगाई? किसान सड़क पर बैठा है, सरकार उन पर अत्याचार कर रही है। पुलिस-प्रशासन का रवैया यह दिखाता है कि ये किस हद तक जाएंगे। इनके मंत्री का एक बेटा किसानों को कुचल सकता है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पुलिस हिरासत में ही उपवास पर बैठ गईं हैं। उपवास पर बैठने से पहले उन्होंने कमरे में झाड़ू भी लगाई। यह जानकारी एमएलसी दीपक सिंह में दी हैं। प्रियंका के साथ सांसद दीपेंद्र हुड्डा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी मौजूद हैं। वहीं प्रमोद तिवारी, आराधना मिश्र मोना और सलमान खुर्शीद रात में ही रास्ते में रोक दिए गए और सोमवार सुबह से उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया। कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी और सलमान खुर्शीद ने कहा कि लखीमपुर में एक शेरनी निकल कर आई है। शेर की सवारी करने वाली मां दुर्गा होती हैं और यह संयोग ही है कि दो दिन बाद नवरात्रि है, मां दुर्गा का अवतार हो चुका है। उन्होंने कहा कि हम लोगों ने तीन बार यहां से निकलने का प्रयास किया लेकिन हमें हाउस अरेस्ट किया गया है। सलमान खुर्शीद ने कहा कि सीतापुर पहुंच कर अधिवक्ता के तौर पर प्रियंका गांधी की मदद करना चाह रहे हैं।