देहरादून। अनीता रावत
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पांच नवंबर को केदारनाथ धाम आ रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से उनके दौरे की तैयारियां को लगभग अंतिम रूप दे दिया है। मोदी के दौरे से पहले बुधवार को सीएम पुष्कर धामी, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और सुबोध उनियाल ने भी पुनर्निर्माण के कार्यों का जायजा लिया।
मोदी पौने चार सौ करोड़ के कार्यों का केदारनाथ में लोकापर्ण व शिलान्यास भी करेंगे। इनमें आदि गुरु शंकराचार्य की समाधि के साथ ही सरस्वती और मंदाकिनी नदी के तट पर प्रोटक्शन वाल, मंदाकिनी पर पुल का शुभांरभ, तीर्थ पुरोहितों के पांच ब्लाकों का शुभारंभ के साथ ही अन्य पुनर्निर्माण कार्य शामिल हैं। धाम में अब तक चार गुफाएं भी बन कर तैयार हो चुकी हैं। मोदी शुक्रवार को सुबह लगभग नौ बजे केदारनाथ पहुंचने का कार्यक्रम है। रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने उनके दौरे के मद्देनजर केदारघाटी में सुरक्षा के चाक-चौबंद व्यवस्था की है। प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की केदारनाथ की यह पांचवीं यात्रा होगी। इससे साबित होता है कि केदारबाबा और चारधाम को लेकर उनमें अटूट श्रद्धा व लगाव है। पीएम के रूप में वे सबसे पहले तीन मई, 2017 को केदारनाथ के दर्शन के लिए पहुंचे थे। इसके बाद वे 20 अक्तूबर, 17, सात नवंबर, 18, 18मई, 2019 को धाम में आकर पुनर्निर्माण कार्यों का कार्यों का जायज ले चुके हैं। 18 मई 2019 में केदारनाथ में एक गुफा में वे ध्यान भी कर चुके हैं और रात भी इसी गुफा में रहे। अब उनका यह केदारनाथ की पांचवी यात्रा होगी। मोदी नियमित तौर पर केदारनाथ के पुनर्निर्माण कार्यों की मानिटरिंग दिल्ली से ही ड्रोन के जरिए करते रहे हैं। पुनर्निर्माण के छोटे से छोटे कार्यों से वाकिफ होकर अफसरों को उसमें बदलाव के लिए सुझाव देते हैं। 12 से अधिक बार वे ड्रोन के जरिए वहां के कार्यों की पड़ताल कर चुके हैं। इसके साथ बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान की मंजूरी भी पीएमओ के स्तर से फाइनल की गई।