हरिद्वार। अर्पणा पांडेय
चारधाम यात्रा को आधुनिक तरीके से संचालित करने के लिए राज्य सरकार ने तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए एआई की मदद ली जाएगी। एक ऐसा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आधारित प्लेटफार्म बनाने की तैयारी हो रही है जिससे यात्रा और सुगम हो जाए। इसके लिए यात्रा का संचालन ऋषिकेश से नहीं हरिद्वार से ही यात्रा संचालित करने की तैयारी चल रही है।
अगले वर्ष से आधुनिक तरीके से चारधाम यात्रा का संचालन किया जाएगा। यातायात सुधार के लिए ऋषिकेश के बजाय हरिद्वार के बैरागी कैंप से इसका संचालन करने की तैयारी है। यातायात निदेशालय ने इस पर अभी से काम शुरू कर दिया है।
साल 2024 की चारधाम यात्रा शुरू होते ही भारी संख्या में यात्री उत्तराखंड पहुंचे थे। इससे चारधाम के विभिन्न मार्गों पर जाम लगा। इससे यात्रियों को परेशानी हुई तो सरकार को भी किरकिरी झेलनी पड़ी। इससे सबक लेते हुए अब 2025 की चारधाम यात्रा के लिए यातायात निदेशालय में तैयारी शुरू कर दी गई है। नवनियुक्त यातायात निदेशक अरुण मोहन जोशी के अनुसार, चारधाम यात्रा को हरिद्वार के बैरागी कैंप से शुरू करने की तैयारी है। यह पार्किंग और लोगों के जमाव का बड़ा स्थान है। यहां बड़े स्तर पर पंजीकरण के इंतजाम किए जाएंगे। पंजीकरण और वाहनों के सत्यापन के बाद यात्रियों को चारधाम रूट पर भेजा जाएगा।
जोशी के अनुसार, जिन वाहनों और यात्रियों की जिस तारीख में बुकिंग होगी, उस तिथि में वे चारधाम यात्रा कर पाएंगे। गलत तिथि पर जाने वाहनों को रोकने के लिए एआई मॉड्यूल पर नंबर प्लेट रीडर (एनपीआर) कैमरे लगाए जाएंगे। इससे बिना पंजीकरण वाले वाहनों की जानकारी मिल जाएगी। व्यवस्थित तरीके से यात्री यहां से चारधाम जाएंगे तो वहां भी अव्यवस्था नहीं होगी।
चारधाम यात्रियों को पंजीकरण के बाद मोबाइल पर ऐप या व्हाट्सऐप के जरिए अपडेट मिलता रहेगा। कहीं मार्ग बाधित होगा तो एआई मॉडल के जरिये वैकल्पिक रूट की सूचना पहुंच जाएगी। इससे चारधाम यात्रा में आसानी होगी। कोई भी यात्री इससे जुड़ी जानकारी आसानी से ले सकेगा। उधर, माना जा रहा कि इससे ऋषिकेश के साथ बाकी स्थानों पर यात्री वाहनों का दबाव कम होगा।
एआई आधारित ऐप के जरिए यात्रियों को यात्रा रूट के होटल, होम स्टे, रेस्त्रां की जानकारी मिलेगी। प्रतियात्री खर्च का अनुमान भी अपडेट होगा। इससे यात्री अपने बजट के अनुसार ठहरने और खानपान को लेकर एडवांस बुकिंग करा सकेंगे। हर इलाके के होटल, ढाबे और रेस्टोरेंट भी इससे पंजीकृत होंगे। इससे कालाबाजारी भी रुकेगी।