नई दिल्ली। अर्पणा पांडेय
आजादी के 75 वर्ष को एक समारोह तक सीमित नहीं रखने की अपील की है। हमें एक नए संकल्प के साथ 25 वर्ष में आगे बढना है। अमृतकाल में हमें आजादी के सौ साल का गौरवपूर्ण तरीके के आगे ले जाना है। यह बातें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लालकिले की प्राचीर से देश को संबोधित करते हुए कहीं। उन्होंने कहा कि देश के हर कोने को वंदेमारतम ट्रेनें जोड़ेंगी।
लालकिने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृतकाल का लक्ष्य भारत में सुविधाओं की भरमार है। अमृत महोत्सव के 27 सप्ताह में 75 वंदेमातरम ट्रेनें चलाने का भी प्रधानमंत्री ने ऐलान किया। यह ट्रेने देश के हर कोने को आपस में जोड़ेगी। लाल किले से अपने आठवें संबोधन में मोदी ने कहा कि भारत की विकास यात्रा में कोई भी पीछे नहीं छूटना चाहिए। 21वीं सदी में देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए भारत के सामर्थ का सही और पूरा इस्तेमाल जरूरी है। इसके लिए जो वर्ग या क्षेत्र पीछे रहे गए हैं, हमें उनका हाथ थामना ही होगा। करीब डेढ घंटे के अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने किसान खासकर छोटे किसानों की तरक्की पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि किसानों की खेती का घटता आकार एक चुनौती है। उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का ज्यादा से ज्यादा लाभ छोटे किसानों का दिया जाना चाहिए। छोटे किसानों की कुल संख्या देश में कुल किसानों की 80 फीसदी है। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे की योजनाओं को गति देने और विनिमार्ण उद्योग को मजबूती देने के लिए सरकार एक सौ लाख करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना शुरू करेगी। उन्होंने कहा कि गतिशतक्ति योजना से बुनियादी क्षेत्र को मजबूती दी जाएगी। विनिमार्ण क्षेत्र से जुड़े बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा। ताकि युवाओं के लिए रोजगार के ढेरों अवसर उपलब्ध हो सके। आरक्षण व्यवस्था को जारी रखने का संकल्प दोहराते हुए उन्हंने कहा कि समाज के पिछडे और वंचित वर्गों का हाथ थामना जरुरी है। यही नहीं लालकिले की प्राचीर से प्रधानमंत्री ने चीन और पाकिस्तान को भी स्पष्ट संदेश दिया। सैन्य बलों को और मजबूत बनाने का संकल्प दोहराते हुए उन्होंने वर्ष 2016 के सर्जिकल स्टाइक और 2019 के बालाकोट एयरस्ट्राइक का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि यह देश के शत्रुओं को स्पष्ट संदेश है कि भारत अपनी रक्षा के लिए कड़े निर्णय ले सकता है। चीन और पाकिस्तान का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया भारत को एक नई दृष्टि से देख रही है और इस दृष्टि के दो महत्वपूर्ण पहलू हैं। एक आतंकवाद और दूसरा विस्तारवाद। भारत इन दोनों ही चुनौतियों से लड़ रहा है और सधे हुए तरीके से बड़ी हिम्मत के साथ जवाब भी दे रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी बाधा 21वीं सदी के भारत के सपनों को पूरा करने से नहीं रोक सकती।