पिथौरागढ़। वाई रावत
कुमाऊं में बारिश से सड़कों बर्बाद हो रही हैं। इससे लोगों की परेशानी बढ़ गई है। बुधवार को भारी बारिश के कारण पिथौरागढ़ जिले में थल हाईवे का 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त होकर रामगंगा नदी में समा गया। बागेश्वर के दुग-नाकुरी तहसील क्षेत्र में मंगलवार रात हुई अतिवृष्टि से काफी नुकसान हुआ है। वहीं ऑलवेदर रोड पर मलबा और पत्थर गिरने का सिलसिला बुधवार को भी जारी रहा।
पिथौरागढ़ जिले में बुधवार सुबह आठ बजे तक औसतन चार एमएम बारिश हुई है। यहां थल-पिथौरागढ़ हाईवे का 50 मीटर हिस्सा ध्वस्त होकर रामगंगा नदी में समा गया। इससे इस मार्ग में दस दिन आवाजाही सुचारू रहने के बाद एक बार फिर यातायात ठप हो गया है। मार्ग बंद होने से लोग वाया डीडीहाट होकर जिला मुख्यालय की दौड़ लगाने को मजबूर हैं। वहीं बागेश्वर में अतिवृष्टि से बैकोड़ी, महोली और आसपास के गांव में भारी नुकसान हुआ है। तीन गांवों की पेयजल योजना ध्वस्त हो गई। लोगों के घराट बह गए। गांवों को जोड़ने वाली पुलिया बह गई। क्षेत्र में रात दो बजे से बुधवार शाम तक बिजली गुल रही। लवेदर रोड पर चम्पावत-टनकपुर के बीच स्वाला में बुधवार सुबह भारी मात्रा में मलबा और पत्थर गिरे। स्वाला के पास रैंप बनाने और सड़क चौड़ी करने के लिए बीते मंगलवार से दो दिन के लिए किसी भी तरह के वाहन संचालन पर प्रशासन ने रोक लगाई थी। जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया कि पहाड़ी से बार-बार गिर रहे पत्थरों की वजह से मशीन ऑपरेटर को मलबा हटाने में दिक्कतें आ रही हैं। मशीन चालक जान जोखिम में डाल कर काम कर रहे हैं।