तेल अवीव।
पत्रकारों से लेकर राजनेताओं तक के फोन हैक करने वाले पेगासस स्पाईवेयर को लेकर भारत में हंगामा मचा हुआ है। वहीं पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी पर इजारयल ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इसी के तहत कंपनी एनएसओ ग्रुप के दफ्तरों पर बुधवार को छापेमारी हुई। इजारयली अधिकारियों की इस कार्रवाई के बारे में खुद एनएसओ ग्रुप ने यह जानकारी दी। एनएसओ ग्रुप ने ही पेगासस स्पायवेयर को बेचा है।
मिली जानकारी के अनुसार इजरायल के रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों ने एनएसओ ग्रुप के दफ्तरों का निरीक्षण किया। बताया जा रहा है कि पेगासस स्पाईवेयर बनाने वाली कंपनी इजरायली अधिकारियों के साथ पूरा सहयोग कर रही है। कंपनी के प्रवक्ता की ओर से बताया गया है कि इस जांच से वे तथ्य सामने आ जाएंगे, जो हम अकसर रखते रहे हैं। प्रवक्ता का दावा हैकि पेगासस के जरिए किसी भी तरह की जासूसी नहीं की गई है। अधिकारियों ने एनएसओ के दफ्तरों का दौरा किया था, जो पेगासस जासूसी विवाद की जांच कर रही है।
गौरतलब है कि एक ग्लोबल कोलैबोरेटिव इनवेस्टिगेटिव प्रोजेक्ट ने खुलासा किया था कि पेगासस स्पाइवेयर ने भारत में 300 से अधिक मोबाइल फोन नंबरों को लक्षित किया। इसमें सरकार के मंत्री, विपक्षी नेता, कई पत्रकार और व्यवसायी शामिल थे। सूची में लिस्ट में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल और रेल और आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव के नंबर भी शामिल हैं। विपक्षी दलों द्वारा इस मुद्दे पर बड़े पैमाने पर हंगामे के बीच सरकार ने इन आरोपों से इनकार किया है कि पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल राजनेताओं, पत्रकारों और एक संवैधानिक प्राधिकरण पर जासूसी करने के लिए किया जा रहा था। सरकार ने इस रिपोर्ट को सनसनीखेज और भारतीय लोकतंत्र और संस्थानों को बदनाम करने का प्रयास बताया था।