पटना। राजेन्द्र तिवारी
कांग्रेस पार्टी ने पटना के एतिहासिक गांधी मैदान से चुनावी गर्जना करने का साहस तीन दशक बाद जुटाया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पार्टी रणनीतिकारों ने इस को सफल बनाने के लिए ऐड़ी चोटी का जोर लगा दिया है। इस जन आकांक्षा रैली में न केवल राहुल गांधी हिस्सा लेंगे बल्कि मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, राजस्थान के अशोक गहलोत और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी इसमें शामिल होंगे। राहुल गांधी का कार्यालय इस जनसभा से जुड़े हर डेवलपमेंट पर सीधे नजर रख रहा है और उसे इससे पूरब के राजनीति का मिजाज बदलने का पूरा भरोसा है। जन आंकांक्षा रैली में राहुल गांधी के कार्यालय के पास बंपर भीड़ जुटने की खबर है। पटना पहुंची टीम के एक सदस्य के अनुसार जन आकांक्षा रैली के एक दिन पहले से ही पूरे पटना में इसका असर साफ दिखाई दे रहा है। बताया जा रहा है कि
कांग्रेस के नेताओं ने जनसभा को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। इस जनसभा को महगठबंधन का मजबूत मंच भी माना जा रहा है। इसमें राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव, रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा, हिन्दुस्तान आवाम मोर्चा के जीतन राम मांझी, विकासशील इंसान पार्टी(वीआईपी) के मुकेश साहनी भी लोगों को संबोधित करेंगे। इस तरह से यह बिहार के विपक्षी दलों का साझा मंच भी रहेगा।
सूत्र का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा और एनडीए को करारी शिकस्त देना है। समझा जा रहा है कि जनआकांक्षा रैली में आने वाली भीड़ विपक्ष के नेताओं का उत्साह बढ़ाएगी और इसका असर आस झारखंड में भी महसूस किया जा सकता है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने इसके राजनीतिक महत्व को देखते हुए समय से काफी पहले ही पटना पहुंचने की योजना बनाई है। वहीं, कांग्रेस के तमाम बड़े नेता वहां पहुंच चुके हैं।