इंफाल। मणिपुर की राजधानी इंफाल में मंगलवार को सैकड़ों लोगों ने फिर अफस्पा लगाने तथा पिछले महीने संदिग्ध कुकी उग्रवादियों द्वारा जिरीबाम जिले में तीन बच्चों समेत छह लोगों की हत्या के विरोध में रैली निकाली। यह रैली इंफाल पश्चिम जिले के थाऊ मैदान क्षेत्र से शुरू हुई और लगभग पांच किलोमीटर की दूरी तय कर खुमान लम्पक स्टेडियम पर समाप्त हुई। मानवाधिकार दिवस के अवसर पर कई संगठनों ने संयुक्त रूप से इस रैली का आयोजन किया। ये संगठन ‘ऑल मणिपुर यूनाइटेड क्लब्स ऑर्गेनाइजेशन’, ‘पोइरेई लीमारोल मीरा पैबी अपुनबा मणिपुर’, ‘ऑल मणिपुर वूमेन वोलंटरी एसोसिएशन’, ‘कमिटी फोर ह्यूमन राइट्स’ और ‘मणिपुर स्टूडेंट फेडरेशन’ थे। प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियां पकड़ रखी थीं। प्रदर्शनकारियों ने ‘मणिपुर को नष्ट मत करो’ एवं ‘मणिपुर बचाओ’ जैसे नारे लगाते हुए सशस्त्र बल विशेषाधिकार अधिनियम (अफस्पा) को हटाने की मांग की। महिला प्रदर्शनकारी एस निरुपमा ने कहा, “मानवाधिकार दिवस के अवसर पर, हम दृढ़ता के साथ कहना चाहते हैं कि मणिपुर के लोग राज्य में अफस्पा के दोबारा लागू होने के साथ-साथ कुकी-जो उग्रवादियों द्वारा निर्दोष महिलाओं और बच्चों की की गयी हत्याओं के खिलाफ मजबूती से खड़े हैं। इंफाल घाटी और नगा क्षेत्रों को अफस्पा से बहुत नुकसान उठाना पड़ा है, क्योंकि यह उग्रवाद से लड़ने के नाम पर नागरिकों की हत्या करने का एक हथियार है।” पुलिस ने कहा कि रैली के मद्देनजर राज्य की राजधानी में सुरक्षा बढ़ा दी गई थी और रैली के दौरान किसी भी अप्रिय घटना की सूचना नहीं है। केंद्र ने हाल में हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित मणिपुर के छह थाना क्षेत्रों में अफस्पा फिर लगा दिया है। मणिपुर पुलिस और वन विभाग ने उखरूल जिले के शिहाई खुल्लेन के पहाड़ी क्षेत्र में लगभग 55 एकड़ में अफीम की अवैध खेती को नष्ट कर दिया है। मंगलवार को पुलिस ने कहा कि सोमवार को अभियान के दौरान अफीम के खेतों में मिली पांच झोपड़ियों को भी जला दिया गया। साथ ही अवैध खेती में शामिल अपराधियों को चिह्नित करने के लिए जांच शुरू कर दी गई है। एक आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर सरकार ने 2017 से अब तक कम से कम 12 जिलों में कुल 19,135.6 एकड़ पर अफीम की अवैध खेती को नष्ट कर दिया है।