जोशीमठ। जोशीमठ नगर से 12 किलोमीटर पहले हेलंग से मारवाड़ी के बीच निर्माणाधीन बाईपास में भारी भूस्खलन की घटना से लोग दहशत में हैं। जंगल के इलाके में 12 अक्तूबर को हुई घटना का वीडियो सोमवार को सामने के बाद नगर के लोग घबराए हुए हैं। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने बाईपास के निर्माण कार्य पर रोक लगाने की मांग उठाई है।
जोशीमठ के लोग पांच किलोमीटर लंबे हेलंग-मारवाड़ी बाईपास का विरोध कर रहे हैं। जोशीमठ के निचले हिस्से में बन रहे इस बाईपास को लेकर लोगों में डर है कि इससे नगर के अस्तित्व को खतरा हो जाएगा। बदरीनाथ और हेमकुंड साहिब के श्रद्धालु जोशीमठ के बाहर से गुजरेंगे। इससे पर्यटन कारोबार प्रभावित भी होगा। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र सिंह पंवार एवं संयोजक अतुल सती ने कहा कि समिति बाईपास का लगातार विरोध कर रही है। वैज्ञानिकों की रिपोर्ट में स्पष्ट कहा कि जोशीमठ नगर ग्लेशियर के मलबे (मोरेन) के ऊपर बसा है। ऐसे में तलहटी में किसी भी प्रकार की कटिंग नगर के लिए खतरनाक हो सकती है। आरोप लगाया कि बाईपास निर्माण में ब्लास्टिंग भी की जा रही है, जिस कारण पहाड़ी दरक रही है। जोशीमठ नगर तक सड़क चौड़ीकरण का कार्य पूरा हो चुका है। अब बाईपास की कोई आवश्यकता नहीं है। बाईपास निर्माण के कारण नगर में खतरा बढ़ रहा है। आसपास के सघन वन क्षेत्र को भी खतरा हो गया है।