हल्द्वानी। अनीता रावत
हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के बाहुबली नेता पूर्व सांसद डीपी यादव समेत तीन अन्य द्वारा दादरी (गाजियाबाद) के विधायक महेंद्र भाटी की हत्या के मामले में देहरादून की सीबीआई कोर्ट द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई की। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाल उर्फ हरपाल सिंह के संबंध में मंगलवार को निर्णय सुनाया। हाईकोर्ट ने देहरादून सीबीआई कोर्ट के आदेश को निरस्त कर दिया है। पाल सिंह के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिलने पर उसे रिहा करने के आदेश दिए हैं। सुनवाई मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।
खंडपीठ ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि ट्रायल के दौरान सीबीआई आरोपी के खिलाफ पर्याप्त सबूत जुटाने में असमर्थ रही। जो भी सबूत जुटाए गए, उनमें भी विरोधाभास रहा। इसका लाभ पाल सिंह को देते हुए कोर्ट ने रिहा करने के आदेश दिए। पाल सिंह अभी हरिद्वार जेल में बंद है। कोर्ट ने इस हत्याकांड के अन्य दो आरोपियों की अपीलों पर निर्णय सुरक्षित रखा है। मुख्य आरोपी डीपी यादव को कोर्ट पूर्व में बरी कर चुकी है। आरोपी को 30 साल तक केस लड़ने के बाद न्याय मिला है। गौरतलब है कि मामले के अनुसार, 13 सितम्बर 1992 को दादरी (गाजियाबाद) के तत्कालीन विधायक महेंद्र भाटी की हत्या हो गई थी। डीपी यादव, परनीत भाटी, करन यादव और पाल सिंह उर्फ लक्कड़ पाला पर विधायक भाटी की हत्या के आरोप लगे। 15 फरवरी 2015 को देहरादून की सीबीआई कोर्ट ने चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनवाई थी। इस आदेश को चारों ने हाईकोर्ट में अलग-अलग अपील दायर कर चुनौती दी थी।