नई दिल्ली। टीएलआई
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में एक बस पर हुए बम हमले में भारतीय खुफिया एजेंसी का समर्थन होने के पाकिस्तान के आरोपों को भारत ने खारिज कर दिया है। भारत ने कहा कि यह क्षेत्रीय अस्थिरता का केंद्र एवं प्रतिबंधित आतंकवादियों की शरणस्थली होने की पाकिस्तान की भूमिका से अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान बांटने का प्रयास है।
उल्लेखनीय है कि 14 जुलाई को निर्माणाधीन दासू बांध के स्थल पर चीनी इंजीनियरों एवं श्रमिकों को ले जा रही बस में विस्फोट से 13 लोगों की मौत हो गई थी। इसके बाद पाकिस्तान ने इस घटना की जांच करने के आदेश दिए थे। इसमें नौ चीनी इंजीनियर एवं चार अन्य लोग मारे गए थे। इस मामले में पाकिस्तानी विदेश मंत्री के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि यह पाकिस्तान की ओर से भारत की छवि खराब करने का एक और प्रयास है।
गुरुवार को इस्लामाबाद में संवाददाता सम्मेलन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने हमले की जांच पूरी होने का उल्लेख करते हुए आरोप लगाया था कि इसके पीछे भारत की रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) और अफगानिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा महानिदेशालय का हाथ है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता बागची ने कहा, ‘दासू की घटना को लेकर हमने पाकिस्तान के विदेश मंत्री के बेतुके बयान को देखा है।’
उन्होंने कहा कि भारत अंतराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक प्रयासों में सबसे आगे रहा है। जहां तक आतंकवाद की बात आती है कि वैश्विक समुदाय को पाकिस्तान की विश्वसनीयता का पता है। उन्होंने कहा कि ऐसे में पाकिस्तान को असत्य फैलाने एवं दुष्प्रचार करने के हताशा भरे प्रयासों से लाभ नहीं होगा।