इस्लामाबाद।
पाकिस्तान सरकार लगभग दो दशक पुराने आतंकवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ एक अस्थायी सहमति पर पहुंची है। इस सहमति के लिए अफगानिस्तान के कार्यवाहक गृह मंत्री सिराजुद्दीन हक्कानी ने मध्यस्थता की है। शुक्रवार को मीडिया में आई एक खबर में यह जानकारी दी गई।
हक्कानी, विशेष रूप से घोषित एक वैश्विक आतंकवादी है, जिसके सिर पर अमेरिका ने एक करोड़ डॉलर का इनाम रखा है। दुर्दांत हक्कानी नेटवर्क का पाकिस्तान समर्थक यह आतंकवादी, अफगानिस्तान में अमेरिका के हितों वाले कई ठिकानों पर हमला करने के मामले में एफबीआई द्वारा वांछित है। डॉन अखबार में प्रकाशित खबर के अनुसार, कई स्रोतों ने बताया है कि दोनों पक्षों के बीच लगभग दो सप्ताह तक अफगानिस्तान के दक्षिण पश्चिमी प्रांत खोस्त में सीधी और आमने-सामने बैठ कर बातचीत हुई। इस बातचीत के नतीजे में देशव्यापी युद्ध विराम की घोषणा करने और टीटीपी के कुछ लड़ाकों को सशर्त रिहा करने पर सहमति बनी। हालांकि खबर के अनुसार, अभी यह स्पष्ट नहीं है कि कितने आतंकियों को छोड़ा जाएगा, लेकिन सूत्रों ने बताया कि दो दर्जन से अधिक आतंकवादियों को रिहा नहीं किया जाएगा। नाम उजागर नहीं करने की शर्त पर सूत्रों ने बताया, ये संगठन के वरिष्ठ या मध्य श्रेणी के कमांडर नहीं, बल्कि निचली श्रेणी के लड़ाके हैं। हम स्थिति पर नजर रखे हुए हैं। हम सावधान हैं। खबर के अनुसार सूत्र ने कहा, महीने भर लंबा संघर्ष विराम आगे बढ़ाया जा सकता है लेकिन यह इस पर निर्भर है कि समझौता किस दिशा में आगे बढ़ता है। यह स्पष्ट नहीं है कि पाकिस्तान की ओर से टीटीपी से कौन समझौता कर रहा है।