नई दिल्ली। विश्व विख्यात तबला वादक और पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन हो गया है। हृदय संबंधी समस्याओं के बाद दो सप्ताह पहले उन्हें अमेरिकी शहर सैन फ्रांसिस्को के एक अस्पताल के आईसीयू में भर्ती कराया गया था। वहीं उन्होंने आखिरी सांस ली। जाकिर के निधन पर यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शोक जताया है।
महान तबला वादक अल्लाह रक्खा के सबसे बड़े बेटे 73 वर्षीय जाकिर हुसैन ने अपने पिता के पदचिह्नों पर चलते हुए भारत और दुनिया भर में एक अलग पहचान बनाई थी। उनकी मां का नाम बीवी बेगम था। जाकिर हुसैन ने अपने करियर में पांच ग्रैमी पुरस्कार प्राप्त किए थे, जिनमें से तीन इस साल की शुरुआत में 66वें ग्रैमी पुरस्कार में मिले थे। जाकिर हुसैन को 1988 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2023 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था।
उनका जन्म 9 मार्च 1951 को मुंबई में हुआ था। जाकिर हुसैन की प्रारंभिक शिक्षा मुंबई के माहिम स्थित सेंट माइकल स्कूल से हुई थी। उन्होंने मुंबई के ही सेंट जेवियर्स कॉलेज से स्नातक किया था। जाकिर हुसैन ने सिर्फ 11 साल की उम्र में अमेरिका में पहला कॉन्सर्ट किया था। 1973 में उन्होंने अपना पहला एल्बम ‘लिविंग इन द मैटेरियल वर्ल्ड’ लॉन्च किया था। जाकिर हुसैन का सम्मान दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका भी करता था। 2016 में पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने उन्हें ऑल स्टार ग्लोबल कॉन्सर्ट में भाग लेने के लिए व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया था। जाकिर हुसैन पहले भारतीय संगीतकार थे, जिन्हें यह आमंत्रण मिला था। उस्ताद जाकिर हुसैन ने एंटोनिया मिनेकोला से शादी की थी, जो एक कथक डांसर और शिक्षिका होने के साथ ही उनकी मैनेजर हैं। उनकी दो बेटियां हैं।उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विश्व विख्यात तबला वादक, पद्म विभूषण उस्ताद जाकिर हुसैन का निधन अत्यंत दुःखद एवं संगीत जगत की अपूरणीय क्षति है। ईश्वर से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को सद्गति एवं उनके शोकाकुल परिजनों और शोक संतप्त प्रशंसकों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। ॐ शांति! केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि जाकिर हुसैन का जाना देश के कला-संगीत क्षेत्र की अपूरणीय क्षति है। अपनी कला के प्रति उनका समर्पण भाव और उनका योगदान हमेशा याद रखा जाएगा। ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिजनों तथा प्रशंसकों को संबल दे। ॐ शांति!
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि भारत और दुनिया ने एक संगीत प्रतिभा और एक सांस्कृतिक राजदूत को खो दिया। उन्होंने अपनी मंत्रमुग्ध कर देने वाली लय से सीमाओं और पीढ़ियों के बीच सेतु का काम किया। उन्होंने असाधारण प्रदर्शन और सहयोग के साथ अपने पिता की विरासत को शानदार ढंग से आगे बढ़ाया। उनके कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान इस बात के प्रमाण हैं।