
देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत हल्द्वानी में EDP कार्यशाला का आयोजन
हल्द्वानी, गौरव जोशी।
उत्तराखंड सरकार के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा संचालित देवभूमि उद्यमिता योजना के अंतर्गत इंदिरा प्रियदर्शिनी राजकीय स्नातकोत्तर महिला वाणिज्य महाविद्यालय, हल्द्वानी में उद्यमिता विकास कार्यक्रम (Entrepreneurship Development Program – EDP) के छठे दिन का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने कहा कि समय आ गया है कि नवाचार पर आगे बढ़े और आत्मनिर्भर बनें।
इस कार्यशाला का उद्देश्य छात्राओं को उद्यमिता के मूल सिद्धांतों से परिचित कराना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में सशक्त करना था। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर आभा शर्मा ने की। प्राचार्य प्रोफेसर आभा शर्मा ने अपने संबोधन में कहा, उद्यमिता का प्रशिक्षण छात्राओं को केवल व्यावसायिक कौशल ही नहीं, बल्कि उन्हें अपने स्टार्टअप शुरू करने की प्रेरणा भी देगा। यह कार्यशाला नवाचार, व्यवसाय प्रबंधन और वित्तीय योजना की बारीकियों को समझने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। देवभूमि उद्यमिता योजना के मास्टर ट्रेनर मनीष आर्य ने कार्यशाला में SWOT विश्लेषण और मार्केटिंग मिक्स (4P मॉडल) पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को बिजनेस आइडिया डेवलपमेंट, वित्तीय प्रबंधन, और मार्केटिंग रणनीतियों के बारे में गहराई से अवगत कराया।
डॉ. दिनेश चंद्र ने ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभाव और इसके व्यापारिक अवसरों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि, ई-कॉमर्स आज के दौर में व्यापार का एक महत्वपूर्ण क्षेत्र बन चुका है और इसमें स्वरोजगार के असीमित अवसर उपलब्ध हैं। कार्यशाला में भारतीय उद्यमिता विकास संस्थान (Entrepreneurship Development Institute of India – EDII) के प्रतिनिधि अभिषेक नंदन ने छात्राओं को व्यवसाय योजना, वित्त पोषण, बाजार अनुसंधान और विपणन रणनीतियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उनके मार्गदर्शन से छात्राओं को अपने व्यवसायिक विचारों को वास्तविकता में बदलने की प्रेरणा मिली। महाविद्यालय की प्राध्यापिका डॉ. विद्या कुमारी ने उद्यमिता के नए अवसरों और व्यावसायिक कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ने के लिए व्यावसायिक ज्ञान और नवीन सोच की जरूरत होती है। कार्यक्रम का संचालन नोडल अधिकारी डॉ. हिमानी पंत ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के कई अन्य प्राध्यापक एवं छात्राएँ उपस्थित रहीं।