देहरादून। अनीता रावत
शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पण्ड्या और उनकी पत्नी पर दुष्कर्म के मामले में पुलिस की अंतिम रिपोर्ट को सीजेएम मुकेश चन्द आर्य ने निरस्त कर दिया है। सीजेएम कोर्ट ने नगर कोतवाल को मामले की दोबारा विवेचना कराकर तीन माह के अंदर अपनी रिपोर्ट न्यायालय में प्रस्तुत करने के आदेश दिए है।
अधिवक्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि पीड़ित युवती ने दिल्ली के विवेक विहार पुलिस में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामला शांतिकुंज हरिद्वार से संबंधित होने पर रिपोर्ट को कोतवाली हरिद्वार नगर में दर्ज किया गया था। पीड़िता ने लिखित शिकायत में शांतिकुंज प्रमुख प्रणव पण्ड्या पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। इस मामले की विवेचना के उपरांत विवेचक ने 10 अक्टूबर 2020 को अंतिम रिपोर्ट कोर्ट में भेजी थी। उक्त अंतिम रिपोर्ट पर आपत्ति प्रस्तुत करने के लिए पीड़ित युवती को कोर्ट में हाजिर होकर पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किए गए थे। पीड़ित युवती ने कोर्ट में हाजिर होकर शपथ पत्र के माध्यम से पुलिस रिपोर्ट को सही ठहराया था। बताया था कि उसके साथ ऐसी कोई घटना नहीं हुई। यह सब कुछ लोगों की अपनी मंशा को पूरा करने और बदला लेने का हथियार बनाया था। पीड़िता ने मनमोहन सिंह, बहन चंदा हेमलता, उसके पति तोषन साहू व अन्य पर उसका गलत इस्तेमाल करना बताया था। कहा था इन लोगों ने उससे साजिश कर झूठा केस दर्ज करवाया था। पीड़ित युवती ने बताया कि डॉ प्रणव पण्ड्या और दीदी के पर झूठे केस को आगे नहीं चलाना चाहती। इसलिए पुलिस की ओर से दाखिल अंतिम रिपोर्ट को मंजूर किया जाए। कोर्ट ने अंतिम रिपोर्ट पर सुनवाई करने के बाद दुष्कर्म के मामले में दोबारा विवेचना कराया जाने का आधार पाया है। कोर्ट ने नगर कोतवाल को मामले की दोबारा विवेचना सक्षम अधिकारी से कराकर तीन माह की अवधि में अपनी रिपोर्ट कोर्ट में भेजे जाने के आदेश दिए हैं। साथ ही, सीजेएम कोर्ट ने अपने उक्त आदेश की एक प्रति एसएसपी को भेजने के निर्देश दिए हैं।