पटना। राजेन्द्र तिवारी
भोजपुर जिले एक गांव में तीन माह से नकली नोट छपने का गोरखधंधा चल रहा था और पुलिस सोई हुई थी। खास बात यह है कि नकली नोट छापने का मास्टर माइंड गांव में डॉक्टर बनकर लोगों का इलाज करता है वहीं उसकी पत्नी घर में नकली नोट छापती थी। पुलिस ने जब मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया तो यह खुलासा हुआ।
जानकारी के अनुसार भोजपुर जिले के जमुआ गांव से गिरफ्तार नागेन्द्र सिंह यादव ग्रामीण चिकित्सक बताया जा रहा है। नागेंद्र गांव के बाजार में एलोपैथकि दवाखाना खोलकर मरीजों का इलाज करते हैं। वहीं, पत्नी देवंती घर में नकली नोट छापती थी। नकली नोट का यह रैकेट करीब तीन महीने से चल रहा था। सूत्रों के अनुसार एक लाख के जाली नोट के बदले 30 हजार रुपये कमीशन मिलता था। जाली नोटों को खपाने में बच्चों को भी लगाया जाता था। सदर एसडीपीओ पंकज कुमार के अनुसार नोट छापने का काम मुख्यरूप से देवंती ही करती थी। उसकी दोनों बहुएं नेहा देवी व रेखा देवी उसकी मदद करती थीं। नागेन्द्र सिंह का बड़ा बेटा राहुल सिंह यादव आरा मंडल जेल में बंद है, जबकि छोटा बेटा लक्ष्मण सूरत में रहकर प्राइवेट जॉब करता है। कम समय में करोड़पति बनने के लालच में नागेंद्र पत्नी, बेटे व दोनों बहुओं के साथ इस धंधे में शामिल हुए। उदवंतनगर थाना के रघुनीपुर गांव निवासी पिंटू सिंह भी उनका साथी है। बताया जा रहा है कि रैकेट के दूसरे मास्टर माइंड पिंटू सिंह ने ही देवांती को नोट छापने की ट्रेनिंग और सामान लाकर दिया था। नोटों का ऑर्डर भी पिंटू ही लाया करता था।