टोक्यो।
कुश्ती रिंग में इतिहास रचने से रवि दहिया बस एक कदम दूर हैं। वह ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय पहलवान बन गए हैं। उन्होंने 57 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में कजाखस्तान के नूरइस्लाम सानायेव को पटखनी दी। रवि से पहले सुशील कुमार ने 2012 लंदन ओलंपिक में फाइनल में जगह बनाकर रजत पदक जीता था। वहीं दीपक पूनिया सेमीफाइनल में हारने के बाद अब कांस्य पदक के लिए खेलेंगे।
दहिया ने इससे पहले दोनों मुकाबले तकनीकी दक्षता के आधार पर जीते थे। चौथी वरीयता प्राप्त दहिया 57 किग्रा फ्रीस्टाइल सेमीफाइनल में एक समय 2-9 से पीछे थे लेकिन उन्होंने वापसी करते हुए अपने विरोधी के दोनों पैरों पर हमला किया और उसे कसकर पकड़ लिया। इसके बाद उसे जमीन पर पटखनी देकर मुकाबला जीत लिया। पहले दौर के बाद दहिया के पास 2-1 की बढ़त थी लेकिन सानायेव ने उनके बाएं पैर पर हमला बोलकर तीन बार उन्हें पलटने पर मजबूर करते हुए छह अंक ले लिए। तब लग रहा था कि दहिया हार की तरफ बढ़ रहे हैं लेकिन संयम नहीं खोते हुए उन्होंने एक मिनट में बाजी पलट दी। दहिया ने पहले दौर में कोलंबिया के टिगरेरोस उरबानो आस्कर एडवर्डो को 13-2 से हराने के बाद बुल्गारिया के जॉर्जी वेलेंटिनोव वेंगेलोव को 14-4 से हराया। वेंगलोव के खिलाफ दहिया ने अपनी शानदार फॉर्म जारी रखते हुए शुरू से ही दबाव बनाए रखा। चौथे वरीय इस भारतीय पहलवान ने मुकाबले में लगातार विरोधी के दाएं पैर पर हमला किया और पहले पीरियड में टेक-डाउन से अंक गंवाने के बाद पूरे मुकाबले में दबदबा बनाए रखा। उधर पूनिया 86 किग्रा वर्ग के सेमीफाइनल में हालांकि अमेरिका के 2018 विश्व चैंपियन डेविड मॉरिस टेलर से एकतरफा मुकाबले में 0-10 से हार गए। टेलर की तकनीकी दक्षता का पूनिया के पास कोई जवाब नहीं था। जवाबी हमले पर वह एक ही मूव बना सके लेकिन टेलर ने उन्हें अंक नहीं लेने दिया।