टोक्यो।
पहली बार ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने का भारतीय महिला हॉकी टीम का सपना बुधवार को टूट गया। सेमीफाइनल मैच में अर्जेंटीना ने भारतीय टीम को हरा दिया। सुनहरे पदक का सपना टूटने के बाद अब कांस्य पदक पर भारतीय टीम की नजर है। कांस्य के लिए भारतीय टीम को ब्रिटेन के खिलाफ खेलना है।
सेमीफाइनल मैच में आर्जेंटीना के खिलाफ भारत को दूसरे ही मिनट में गुरजीत कौर ने बढ़त दिला दी थी। कप्तान रानी ने भारत को पेनल्टी कॉर्नर दिलाया जिसे गुरजीत ने गोल में बदल दिया। तीन मिनट बाद ही अर्जेंटीना को बराबरी का मौका मिला लेकिन उसने गंवा दिया। मारिया जोस ग्रानाटो सर्कल के भीतर घुस गईं हालांकि मुस्तैद भारतीय डिफेंडरों ने उनके मंसूबों पर पानी फेर दिया। अर्जेंटीना को हमलों के बीच आठवें मिनट में मिला पेनल्टी कॉर्नर भी बेकार गया। पहले क्वार्टर में भारतीयों ने गेंद पर नियंत्रण और बचाव दोनों में बाजी मारी। लेकिन दूसरे क्वार्टर में तस्वीर उलटी थी। अर्जेंटीना के लिए कप्तान नोएल बारियोनुएवो ने 18वें और 36वें मिनट में गोल दागकर भारतीय टीम की उम्मीदें तोड़ दी। भारत ने इसी क्वार्टर में बढ़त का मौका गंवाया। भारत की वंदना कटारिया ने लालरेम्सियामी को गेंद सौंपी जो उस पर नियंत्रण नहीं बना सकीं। भारत को मिले दोनों पेनल्टी कॉर्नर बेकार गए। अर्जेंटीना को 28वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर मिला जिस पर आगस्टिना के शॉट को दीप ग्रेस इक्का ने विफल कर दिया। तीसरे क्वार्टर में भारत ने आक्रामक शुरुआत की और नेहा ने बाएं फ्लैंक से डी के भीतर पहुंचाने की कोशिश की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। आखिरी क्वार्टर में भारतीय खिलाड़ियों ने गोल करने की भरसक कोशिश की लेकिन अर्जेंटीना के डिफेंडरों ने उन्हें कामयाब नहीं होने दिया। आखिरी सीटी बजने से कुछ सेकंड पहले सर्कल के बाहर से उदिता की हिट पर नवनीत कौर के शॉट को अर्जेंटीना के डिफेंडर ने बाहर कर दिया। भारतीयों ने खतरनाक तरीके से गेंद के उछलने को लेकर रेफरल मांगा जो टीवी अंपायर ने खारिज कर दिया।