हल्द्वानी। अनीता रावत
दीपावली पर गृह जनपद पहुंचे महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने लंबे समय से उनके सक्रिय राजनीति में लौटने की चर्चाओं को विराम लगा दिया। उन्होंने कहा कि उम्र के इस पड़ाव में सक्रिय राजनीति में लौटने का सवाल ही नहीं उठता। इस दौरान उत्तराखंड में रोजगार को लेकर उनका दर्द छलक उठा। कोश्यारी ने कहा कि देश आत्मनिर्भर बन रहा है। पर्वतीय प्रदेश उत्तराखंड में संसाधनों की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि यहां के युवाओं को स्वरोजगार से जुड़कर प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाना होगा। सभी को मिलकर यहां स्वरोजगार के अवसर तलाशने होंगे।
बुधवार को पिथौरागढ़ पहुंचे कोश्यारी ने यहां लोनिवि गेस्ट हाउस में अधिकारियों के साथ बंद कमरे में बैठक भी की। बैठक के बाद उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने उन्हें महाराष्ट्र के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी दी। लेकिन घर सबको अच्छा लगता है। पिछले सवा साल से घर नहीं आ पाया था। इस दीपावली पर यहां आने का मौका मिला। उन्होंने सभी को दीपावली की शुभकामनाएं दीं। कहा-देश आत्मनिर्भर बन रहा है। उत्तराखंड को भी विकास की दौड़ में आगे ले जाना है। कुटीर उद्योगों, कृषि, बागवानी, डेयरी उद्योग, मत्स्य पालन को बढ़ावा देकर स्वरोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। कोश्यारी ने कहा कि इस संबंध में मुख्य सचिव से भी वार्ता हुई है। महाराष्ट्र में लोग इन क्षेत्रों में बेहतर काम कर रहे हैं। वहां के उन्नत किसानों, कृषि वैज्ञानिकों को यहां आमंत्रित किया जाएगा। उनके अनुभवों का लाभ लेते हुए उत्तराखंड के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने की पहल की जाएगी। इससे पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने कोश्यारी का पुष्प गुच्छ भेंट कर स्वागत किया। महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी के पिथौरागढ़ आगमन की सूचना पर उनके पुराने साथी भी उनसे मिलने लोनिवि गेस्ट हाउस पहुंचे। चम्पावत से भी उनके साथी मिलने यहां पहुंचे। पुराने साथियों से मिलकर कोश्यारी भावुक हो उठे। सेवानिवृत्त शिक्षक राम सिंह वल्दिया, लक्ष्मण सिंह वर्मा, सेवानिवृत्त प्रोफेसर परमानंद चौबे सहित कई साथियों के साथ उन्होंने पुराने अनुभव साझा किए। राज्यपाल कोश्यारी ने जिले के युवा साहित्यकार ललित शौर्य की पुस्तक ‘द मैजिकल ग्लव्ज’ का विमोचन किया। उन्होंने कहा कि ललित शौर्य नई पीढ़ी को अच्छी सौगात दे रहे हैं। युवाओं को उनसे सीख लेनी चाहिए। इस दौरान शौर्य ने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की कविता भी कोश्यारी को सुनाई।