हल्द्वानी। अनीता रावत
दंगा-फसाद या सांप्रदायिक हिंसा पर काबू के लिए कर्फ्यू लगते आपने देखे होंगे लेकिन उत्तराखंड के पहाड़ी जिले पिथौरागढ़ जिले में गुलदार के आतंक को देखते हुए नाइट कर्फ्यू लगाना पड़ा है। शहर के और आसपास के छह सबसे ज्यादा गुलदार प्रभावित इलाकों में बुधवार को प्रशासन ने शाम छह से सुबह छह बजे तक अनिश्चितकालीन कर्फ्यू की घोषणा की है। ये पिथौरागढ़ का लगभग आधा क्षेत्र है। प्रदेश में ये अपने तरीके का पहला कर्फ्यू बताया जा रहा है।
पिथौरागढ़ शहर और आसपास के गांवों में कोरोना काल में गुलदार तेजी से हिंसक हुए हैं। बीते एक साल में 10 से ज्यादा लोगों को गुलदार अपना शिकार बना चुके हैं। बीते रविवार को गुलदार ने शहर से सटे बजेटी गांव में एक मासूम बच्ची को मार दिया। इसके विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। इस जन आक्रोश को देखते हुए बुधवार को पिथौरागढ़ प्रशासन ने गुलदार प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। प्रशासन ने कहा है कि छह इलाकों में अगले आदेश तक नाइट कर्फ्यू जारी रहेगा। कर्फ्यू का पालन कराने के लिए सभी क्षेत्रों में पुलिस भी मुस्तैद रहेगी। उल्लंघन करते हुए कोई पाया गया, तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। पिथौरागढ़ में एक साल में गुलदार के हमले में 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इसमें मासूम बच्चों और महिलाओं की संख्या अधिक है। इसके अलावा आदमखोर होने की आशंका में छह गुलदार मारे जा चुके हैं और गुलदार पिंजरे में भी कैद किए गए हैं।