पटना। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति एक नए भारत का आगाज करने वाली है। इसकी शुरुआत बिहार की धरती से हुई है। बिहार शिक्षा और ज्ञान का आदिकाल से ही केंद्र रहा है।
श्री कोविंद शनिवार को जमुहार स्थित गोपाल नारायण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित तृतीय दीक्षांत समारोह के दौरान छात्रों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मैं बिहार से गहराई से जुड़ा रहा हूं। राष्ट्रपति बनने के बाद गोपाल नारायण सिंह ने आग्रह किया था कि मेरे विश्वविद्यालय में जरूर आएं। आज मैं इस विश्वविद्यालय में आकर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। अपने राज्यपाल के कार्यकाल को याद करते हुए कहा कि बिहार के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद के गांव जाने का अवसर मिला था। कहा कि भगवान बुद्ध, महावीर, चाणक्य जैसे महाज्ञानियों के बिहार में पदक व उपाधि लेने वाले छात्र- छात्राओं के लिए गौरव का दिन है। इस दौरान उन्होने अपने हाथों 22 छात्रों को गोल्ड मेडल दिया।
राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने कहा कि युवा शक्ति के समक्ष संबोधन का अवसर सौभाग्य की बात है। दीक्षांत समारोह हो सकता है लेकिन, शिक्षांत समारोह नहीं हो सकता। क्योंकि शिक्षा का कोई अंत नहीं होता। कहा कि हमारी शिक्षा एक व्यक्ति निर्माण करती है व व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र का निर्माण होता है।