हल्द्वानी। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने उत्तराखंड में हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों में पर्वतीय जिलों की उपेक्षा का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि पूर्व की कांग्रेस की सरकार ने खेलों के लिए जो भी कार्य किए, भाजपा सरकार ने उन्हें मझधार में छोड़ दिया। सोमवार दोपहर को सोशल मीडिया पर लिखी पोस्ट में पूर्व सीएम रावत ने राष्ट्रीय खेलों में पौड़ी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में किसी भी खेल का आयोजन नहीं होने को राज्य के खेल प्रशासकों के लिए शर्म और खेल प्रेमियों के लिए चिंता का विषय बताया। बैडमिंटन, कुश्ती, दौड़, बॉक्सिंग के लिए इन जिलों का चयन न होना इसका प्रमाण है कि पिछले 8 वर्षों में इन स्थानों में लक्ष्यगत खेल सुविधाओं का विस्तार नहीं हुआ।
उन्होंने लिखा है कि हमने 2016 में तत्कालीन ओलंपिक एसोसिएशन के साथ मिलकर यह तय किया था कि कम से कम हमारे उत्तराखंड के दो पारंपरिक खेल इन राष्ट्रीय खेलों के आयोजन में सम्मिलित होंगे। लिखा कि यदि सरकार किसी कारण यहां के पारंपरिक खेलों को आयोजन का भाग नहीं बना पा रही है तो राज्य के इन खेलों का राज्य स्तरीय आयोजन का कैलेंडर भी तैयार किया जाना चाहिए। उन्होंने अपने बेटे और उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री आनंद रावत की पीठ थपथपाते हुए लिखा है कि वो लगातार ऐसे विलुप्त हो रहे खेलों को प्रोत्साहित कर रहे हैं। उन्होंने इसका राज्य स्तरीय संघ भी गठित किया है। उन्होंने सरकार और आनंद रावत से कहा कि वह लोग इन खेलों के आयोजन का कैलेंडर तैयार करें।