लखनऊ। राजेंद्र सिंह
50 हजार रुपये की इनामी और जाली नोट की तस्करी गिरोह की सरगना मुमताज बेगम को एटीएस लखनऊ ने गिरफ्तार कर लिया है। वह करीब एक साल से फरार थी। एटीएस ने स्थानीय पुलिस की मदद से मुमताज को पश्चिम बंगाल के मालदा से गिरफ्तार किया है। एटीएस के अनुसार मुमताज का पति सदर अली पहले ही गिरफ्तार हो चुका है और इस समय लखनऊ जेल में बंद है। मुमताज का नाम एक सितम्बर को आगरा में पकड़े गये गिरोह के साथियों तहसीन खान व मो. वसीम ने लिया था। इसके बाद से ही मुमताज की तलाश तेज कर दी गई थी। इस मामले में एटीएस लखनऊ ने अपने थाने पर एफआईआर दर्ज की थी।
एटीएस ने पिछले साल एक सितम्बर को मालदा में जाली नोटों की तस्करी के आरोप में तहसीन खान और मो. वसीम को गिरफ्तार किया था। दोनों के पास तब पांच लाख 97 हजार रुपये के जाली नोट बरामद किये थे। तब खुलासा हुआ था कि ये जाली नोट मालदा से लाकर यूपी और एनसीआर इलाके में सप्लाई किए जाते थे। इन लोगों ने बताया था कि मालदा के वैष्णवनगर, जोयनपुर निवासी सदर अली की पत्नी मुमताज बेगम ही उनके गिरोह की सरगना है। वह कई देशों में जाली नोटों की वहां की करेंसी के रूप में तस्करी करती है। एटीएस व अन्य खुफिया एजेन्सी जब उसे एक साल तक नहीं पकड़ सकी थी, तब एटीएस के आईजी ने मुमताज पर 50 हजार रुपये इनाम घोषित किया था। उसका पति सदर अली जाली नोटों के साथ पहले की पकड़ा जा चुका है और इस समय लखनऊ जेल में बंद हैं। सदर अली पर भी 25 हजार रुपये इनाम घोषित किया गया था। एटीएस ने बताया कि मुमताज इनाम घोषित होने के बाद अपना नाम बदल कर बाली बंगा इलाके में किराये के मकान में रह रही थी। इस समय वह जाली नोटों की तस्करी अपने बेटे कबीर के साथ कर रही थी। कबीर भी जेल में बंद था और कुछ समय पहले ही जमानत पर बाहर आया था। एटीएस की वाराणसी यूनिट को मुमताज का यह पता मिल गया था, तभी उसने दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया। एटीएस ट्रांजिंट रिमाण्ड पर उसे सोमवार को लखनऊ लाएगी।