लाहौर। मुंबई आतंकी हमले के साजिशकर्ता और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के उप प्रमुख हाफिज अब्दुल रहमान मक्की की शुक्रवार को दिल का दौरा पड़ने से पाकिस्तान मे मौत हो गई। जानकारी के मुताबिक, मक्की पिछले कुछ दिनों से बीमार था और लाहौर के एक निजी अस्पताल में उच्च मधुमेह के कारण उसका इलाज हो रहा था। बता दें, मुंबई के 2008 में आतंकवादी हमले में 175 लोग मारे गए थे, जबकि 300 से अधिक घायल हो गए। मक्की जमात-उद-दावा (जेयूडी) के प्रमुख हाफिज सईद का रिश्तदार था। उसे हाफिज का परछाई माना जाता था। मई, 2019 में पाकिस्तान सरकार ने उसे गिरफ्तार कर लाहौर में नजरबंद कर दिया था। मक्की को 2020 में आतंकवाद रोधी अदालत ने आतंकवाद के वित्तपोषण से जुड़े मामलों में दोषी ठहराते हुए छह महीने की सजा सुनाई थी। वह जमात-उद-दावा का उप प्रमुख भी था और नजरबंदी के बाद भी घर से बाहर होता रहा था। मक्की को 2023 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) ने “वैश्विक आतंकवादी” घोषित किया था। इसके तहत उसकी संपत्ति जब्त की गई थी। साथ ही यात्रा पर प्रतिबंध लगाना और हथियार रखने पर भी रोक लगाए थे। 16 जनवरी, 2023 को मक्की को आईएसआईएल या अलकायदा से जुड़े होने पर यूएन ने 2017 के पैराग्राफ 2 और 4 के तहत सूचीबद्ध किया गया था। इसमें लश्कर के समर्थन से आतंकी फंडिंग करना, साजिश रचना और उसमें हिस्सा लेना, युवाओं को भर्ती करना जैसे कामों में लिस्टेड कर प्रतिबंध लगाया था।
मुंबई आतंकी हमले के अलावा, मक्की लाल किला हमले में शामिल होने के कारण भारत में सुरक्षा एजेंसियों द्वारा वांछित आतंकवादी भी था। वह सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर था। वह आतंक के लिए धन जुटाने, युवाओं की भर्ती करने, कट्टरपंथी बनाने और जम्मू-कश्मीर में हिंसक हमलों की योजना बनाने में सक्रिय रूप से शामिल था। मक्की अपने भारत विरोध भाषणों के लिए पाकिस्तान में काफी प्रसिद्ध था। वह अपने बहनोई हाफिज की उपाधि का अपने नाम में इस्तेमाल करता था। उसने लश्कर और जमात-उद-दावा में कई अहम पदों को संभाला है। वह लश्कर का पॉलिटिकल चीफ, फॉरेन रिलेशन विभाग का प्रमुख और लश्कर के लिए फंड जुटाने जैसे काम भी देखता था। इसके अलावा, लश्कर की गवर्निंग बॉडी शूरा का मेंबर भी था। अब्दुल रहमान मक्की का जन्म 10 दिसंबर, 1954 को हुआ था। हालांकि, दस्तावजों में जन्म का वैकल्पिक वर्ष 1948 दर्ज किया गया।