गेहूं की एमएसपी लागत से 105 फीसदी ज्यादा

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नई दिल्ली, देव कुमार। केंद्र सरकार ने बुधवार को गेहूं सहित रबी की छह फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ा दिया। इसके तहत गेहूं का समर्थन मूल्य 150 रुपये बढ़ाकर 2425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। सरकार का दावा है कि गेहूं की अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत 1182 प्रति क्विंटल पर 50 फीसदी की बजाय 105 फीसदी एमएसपी (2425 रुपये प्रति क्विंटल) की वृद्धि की गई है। यह वृद्धि रबी विपणन सत्र 2025-26 के लिए की गई है।
रेल, सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति (सीसीईए) की बैठक में लिए गए फैसलों की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि 2025-26 विपणन सत्र के लिए छह रबी फसलों की एमएसपी में 130-300 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी को मंजूरी दी गई है। उन्होंने दावा किया कि कैबिनेट का यह फैसला किसानों के कल्याण और उनकी आय बढ़ाने वाला है। उन्होंने कहा कि रबी की अन्य फसलों के लिए भी एमएसपी में उल्लेखनीय वृद्धि की गई है।
उन्होंने कहा कि 2025-26 के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य पिछले वर्ष के 2,275 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2,425 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है। यह एक रिकॉर्ड बढ़ोतरी है। उन्होंने कहा कि तिलहन के घरेलू उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरसों के बीज का समर्थन मूल्य 300 रुपये बढ़ाकर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। कुसुम का समर्थन मूल्य 140 रुपये बढ़ाकर 5,940 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है। पिछले वर्ष यह 5,800 रुपये प्रति क्विंटल था। मसूर का समर्थन मूल्य 275 रुपये बढ़ाकर 6,700 रुपये प्रति क्विंटल, जबकि चने की एमएसपी 210 रुपये बढ़ाकर 5,650 रुपये प्रति क्विंटल कर दी गई है। जौ का समर्थन मूल्य 130 रुपये बढ़ाकर 1,980 रुपये प्रति क्विंटल किया गया है जो पिछले वर्ष 1,850 रुपये प्रति क्विंटल था। वैष्णव ने कहा कि रबी फसलों की एमएसपी में वृद्धि 2018-19 के केंद्रीय बजट की घोषणा के अनुरूप है। उसमें एमएसपी को अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत के कम-से-कम 1.5 गुना के स्तर पर तय करने की घोषणा की गई थी। अखिल भारतीय औसत उत्पादन लागत पर अपेक्षित रैपसीड और सरसों के लिए 98 प्रतिशत, दाल के लिए 89 प्रतिशत, चने के लिए 60 प्रतिशत, जौ के लिए 60 प्रतिशत और कुसुम के लिए 50 प्रतिशत है।

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