देहरादून। अनीता रावत
उत्तराखंड में चुनावी बिगुल के साथ सियासी घमसान भी शुरू हो गया है। विधायकों को पार्टी छोड़कर दूसरे पार्टी पर जाना और आरोप प्रत्यारोप शुरू होने से माहौल भी गरमाने लगा है। भाजपा नेता और कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य और उनके बेटे के कांग्रेस में शामिल होने के बाद तरह तरह के कयास लगाए जा रहे हैं। इस बीच भाजपा के कुछ विधायकों की नाराजगी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से मुलकात को भी चर्चा होने लगी है। हालांकि धामी ने पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से मुलाकात को सिर्फ शिष्टाचार भेंट बताया है।
पूर्व सीएम विजय बहुगुणा से मुलकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि विधायकों का चुनाव में आना-जाना कोई बड़ा मुद्दा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुछ विधायकों की नाराजगी के बीच पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा से उनकी मुलाकात से जुड़े प्रश्न पर धामी ने इसे सामान्य शिष्टाचार भेंट बताया। उन्होंने कहा कि विजय बहुगुणा वरिष्ठ नेता हैं, सरकार और मुझे उनके अनुभवों का लाभ मिलता रहता है।
वह 10 दिन पहले भी आए थे। दो दिन बाद वह फिर आएंगे।दलबदल की चर्चाओं और असंतुष्ट विधायकों के सवाल पर सीएम धामी ने कहा कि भाजपा बड़ा परिवार है। चुनाव में ऐसा चलता रहता है। पिछले दिनों तीन विधायकों ने भाजपा ज्वाइन की। अगर कोई इधर या उधर जा रहे हैं, तो यह बहुत बड़ा मुद्दा नहीं है। वहीं मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्राकृतिक आपदा में राहत कार्यों को लेकर कांग्रेस के धरना-प्रदर्शन पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हरीश रावत जी को तो प्रसन्न होना चाहिए। अब से पहले किसी भी सरकार ने आपदा में ऐसे तुरंत एक्शन नहीं लिया। गौरतलब है कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल के आपदा राहत को लेकर धरना दिए जाने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने आपदा में जितनी तेजी से काम किया, हरीश रावत जी को उस पर प्रसन्न होना चाहिए था। धामी ने कहा कि उन्होंने पहले भी आपदा देखी हैं। किसी भी आपदा में सरकार ने तुरंत एक्शन नहीं लिया। आपदा में स्वयं शासन-प्रशासन मौके पर गया। उस दिन डेढ़ लाख से भी अधिक श्रद्धालु उत्तराखंड में थे। हमने यात्रा उसी दिन रोक दी थी। शासन-प्रशासन पूरी तरह सक्रिय रहे। सभी लोगों से यात्रा न करने की अपील की। आपदाग्रस्त क्षेत्रों में लोगों के बीच मैं स्वयं गया और मंत्री गए। हम लोगों ने स्वयं जाकर सभी व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए। लोगों को राहत पहुंचाई। मुआवजा बांटा गया। बंद सड़कें खोली गईं। मुआवजा राशि बढ़ाई। राहत सामग्री बांटी गईं। अब यह उनका विषय है वह धरना क्यों दे रहे हैं, यह सवाल हरीश रावत से पूछना चाहिए। वहीं भाजपा चुनाव संचालन समिति के सह मीडिया प्रभारी बलजीत सोनी ने कहा कि कांग्रेस को अब उपवास, धरने-प्रदर्शन, घेराव का अभ्यास कर लेना चाहिए। आपदा के समय में वह जो राजनीति कर रही है, प्रदेश की जनता चुनाव में उन्हें यही काम देने वाली है। कांग्रेस के कार्यकर्ता आपदाग्रस्त क्षेत्रों में भाजपा के नेताओं का सोची समझी साजिश के तहत विरोध कर रहे है, यह शर्मनाक है।