हल्द्वानी। अनीता रावत
प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रीतू शर्मा की कोर्ट ने मां की हत्या करने के आरोपी बेटे को आईपीसी की धारा 302 में दोषी पाते हुए मृत्युदंड और 10 हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड जमा नहीं करने पर एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। जबकि जानलेवा हमले की धारा 307 के आरोप में आजीवन कारावास और पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड जमा नहीं करने पर 6 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।
अभियोजन पक्ष के अनुसार, उदयपुर, गौलापार चोरगलिया (हल्द्वानी) निवासी डिगर सिंह कोरंगा पर अपनी ही मां जोमती देवी की घर पर दराती से हत्या करने का आरोप था। जोमती देवी का सिर, धड़ से अलग कर दिया गया था। यही नहीं बीच-बचाव के दौरान आये अन्य लोगों पर कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला करने का आरोप भी था। इस मामले में पुलिस ने डिगर सिंह कोरंगा को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में जेल भेजा था। कोर्ट में सुनवाई के दौरान जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने 12 गवाह पेश किए। इनमें अभियुक्त के पिता, बहू एवं पड़ोसी शामिल रहे। उन्होंने बहस के दौरान तर्क रखा कि वादी उदयपुर निवासी सोबन सिंह ने सात अक्तूबर 2019 को थाना चोरगलिया में अपने बेटे डिगर सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई। जिसमें कहा गया कि जोमती देवी घर पर थीं, जबकि वह पड़ोस में ही काम कर रहे थे। उसी समय डिगर सिंह का अपनी मां जोमती से विवाद हो गया। इस पर डिगर सिंह ने दराती से मां का सिर, धड़ से अलग कर दिया। मौके पर ही जोमती देवी की मौत हो गई। ग्राम प्रधान इन्द्रजीत सिंह ने घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने अभियुक्त डिगर सिंह को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की तो उसने मौजूद लोगों और इन्द्रजीत सिंह पर भी कुल्हाड़ी से जानलेवा हमला किया।