उत्तराखंड में शहीद सैनिकों की मां और वीरांगनाएं फ्री में करेंगी बसों में सफर

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देहरादून। उत्तराखंड के सभी शहीद सैनिकों की मां और वीरांगनाएं अब रोडवेज बसों में मुफ्त सफर कर सकेंगी। विजय दिवस पर गांधी पार्क में सोमवार को आयोजित समारोह में पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यह घोषणा की। इस दौरान बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर चिंता जताते हुए उन्होंने कहा कि हम धूल से फूल बनाना जानते हैं तो फूल को धूल में मिलाना भी।
सुबह गांधी पार्क पहुंचे मुख्यमंत्री ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की। साथ ही, 1971 के भारत-पाक युद्ध के पदक विजेताओं और वीरनारियों को सम्मानित किया। इस समारोह में शामिल सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने भी कहा कि उत्तराखंड में वीरता पदक विजेता के सीधे आश्रित के लिए रोडवेज बसों में मुफ्त सफर का प्रावधान है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग रखी कि सभी शहीदों की मां और वीरांगनाओं के लिए भी यह व्यवस्था की जाए। इस पर मुख्यमंत्री ने मौके पर ही घोषणा की। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल के रूप में बड़ा आयोजन होने जा रहा है। उत्तराखंड की पहचान देवभूमि और वीरभूमि के रूप में है। आने वाले समय में उत्तराखंड को खेलभूमि के रूप में स्थापित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने बांग्लादेश के मौजूदा हालात पर भी चिंता जताई। उन्होंने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि छोटी-छोटी घटनाओं पर कैंडिल मार्च के साथ ही संसद बाधित करने वाले इस मामले में चुप हैं। यह कौन लोग हैं, जिन्हें केवल वोट के लिए बांग्लादेश का नरसंहार तक दिखाई नहीं दे रहा है। बकौल धामी, भारत हमेशा शांति और सहिष्णुता का पक्षधर रहा है। हमारी सद्भावना को कमजोरी समझने की भूल नहीं की जानी चाहिए। मुख्यमंत्री ने बताया कि 1971 में 13 दिन तक चले भारत-पाक युद्ध में देश के 3,900 सैनिकों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था, जिनमें 255 वीर सपूत उत्तराखंड के थे। हमारे 74 सैनिकों को अदम्य साहस और शौर्य के लिए विभिन्न वीरता पदकों से सम्मानित भी किया गया था। उन्होंने भारत से सैन्य उपकरणों के बढ़ते निर्यात की भी सराहना की।

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