नई दिल्ली। टीएलआई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संवैधानिक पद पर 20 साल पूरे होने पर बुधवार को आयोजित एक कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह ने उन्हें आजाद भारत का सबसे सफल प्रधानमंत्री करार दिया। शाह ने मोदी के संगठनात्मक कौशल की प्रशंसा करने के साथ देश के आर्थिक विकास, राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति को लेकर उठाए गए बड़े कदमों को भी ऐतिहासिक बताया। उन्होंने कहा कि एक सच्चा सुधार स्थिति को बदलना है, न कि तरीके को। प्रधानमंत्री मोदी ने स्थिति को बदल दिया है।
सरकार के प्रमुख के रूप में प्रधानमंत्री मोदी के दो दशक’ विषय पर रामभाऊ म्हालगी प्रबोधिनी के तत्वाधान में आयोजित तीन-दिवसीय राष्ट्रीय गोष्ठी का उद्घाटन किया। इस मौके पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। शाह ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को भारत की जनता सबसे बेहतर तरीके से जानती है। वह उनके विचारों, काम और सिद्धियों को पहचानती है। एक छोटे से शब्द ‘डिलीवरिंग डेमोक्रेसी’ में भारत की जनता की 75 साल तक जो आशाएं थीं, उन्हें समाहित कर लिया गया है। शाह ने कहा कि जब देश आजाद हुआ और हमारी संविधान सभा बनी तो उसने बहुपक्षीय लोकतांत्रिक व्यवस्था को स्वीकार किया। यह एक उचित फैसला था। लेकिन 1960 के दशक के उत्तरार्ध में और वर्ष 2014 तक देश की जनता के मन में एक बहुत बड़ा सवाल आ गया था कि क्या ये बहुपक्षीय लोकतांत्रिक व्यवस्था सफल हो सकती है। गृहमंत्री ने कहा कि वर्ष 2014 तक रामराज्य या कल्याणराज्य की परिकल्पना ध्वस्त हो चुकी थी। जनता के मन में एक आशंका आ गई थी कि कहीं हमारी लोकतांत्रिक संसदीय व्यवस्था नाकाम तो नहीं हो गई है, वो परिणाम नहीं दे रही है, आगे क्या और किस प्रकार से होगा। लेकिन भारत की जनता बहुत धैर्यवान है, क्योंकि कई चीजों को सहते-सहते एक राष्ट्र के नाते आज हम यहां पहुंचे हैं। बड़े धैर्य से जनता ने फैसला दिया और प्रधानमंत्री मोदी को 30 साल के बाद पूर्ण बहुमत के साथ देश का शासन सौंपा।शाह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति का आज का स्वरूप देखकर उसके आधार पर आकलन नहीं करना चाहिए, बल्कि वो कितनी तपस्या, संघर्ष, त्याग और मेहनत करके यहां पहुंचा है, यह देखना चाहिए। वर्ष 2001 में हमारी पार्टी ने फैसला किया कि मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री होंगे। उस वक्त जब राज्य सबसे बड़े संकट में था, विनाशकारी भूकंप के बाद खड़ा होने का प्रयास कर रहा था। मोदी जब मुख्यमंत्री बने, तब उन्होंने पूरी स्थिति को देखने, समझने और कई सारे बदलाव लाने का प्रयास किया। उस वक्त कोई नहीं मानता था कि वह एक सफल मुख्यमंत्री होंगे, लेकिन उन्होंने सुधारों और पारदर्शिता पर काम किया।