वाशिंगटन। घर से काम करने के बजाय ऑफिस जाकर काम करने वालों की मानसिक सेहत ज्यादा अच्छी होती है। दुनिया के 65 देशों के 54 हजार कर्मचारियों पर किए गए सर्वे में यह बात सामने आई। अमेरिका की सैपियन्स लैब में वर्क कल्चर और कर्मचारियों के मानसिक सेहत को लेकर अध्ययन किया गया। इसमें पता चला कि भारत में घर या किसी सुदूर इलाके से काम करने की तुलना में ऑफिस में काम करने वाले लोगों की मानसिक सेहत ज्यादा अच्छी होती है। वर्कप्लेस पर कर्मचारियों के बीच मेलजोल के पीछे अच्छी मानसिक सेहत का राज छिपा होता है। अध्ययन में यह बात स्पष्ट तौर पर सामने आई है कि वर्कप्लेस पर कर्मचारियों के बीच तालमेल नहीं रहने पर उदासी, निराशा और किसी काम को लेकर प्रेरणा की कमी जैसी भावनाएं रहती हैं। कोरोना महामारी के दौरान दुनिया भर में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर आ गया। यहां तक कि छात्रों की पढ़ाई भी घर से हो रही थी। हालांकि अब हालात सामान्य हैं लेकिन अब भी कई कंपनियां घर से काम या हाइब्रिड वर्क के विकल्प दे रहीं हैं। ऐसे में इस अध्ययन का दावा है कि मानसिक सेहत बनाए रखने में ऑफिस काफी महत्वपूर्ण है। इसका कहना है कि मानसिक सेहत को दुरुस्त रखने के लिए घर से काम की जगह ऑफिस से काम करना ज्यादा अच्छा है। यूरोप और अमेरिका की तुलना में भारतीय कर्मचारी ऑफिस से काम करने में ज्यादा खुश और संतुष्ट हैं। अध्ययन के अनुसार, भारत में घर से काम करने वाले लोगों की मानसिक सेहत बेहतर नहीं होती। अध्ययन के अनुसार, वर्कप्लेस पर कर्मचारियों के बीच सही तालमेल नहीं होने से मानसिक तनाव दुनिया के अन्य देशों की तुलना में भारत में अधिक होती है। अध्ययन में कर्मचारियों के बीच काम के प्रबंधन को लेकर वकप्लेस की महत्ता पर इस अध्ययन में प्रकाश डाला गया है। सैपियन्स लैब की फाउंडर तारा थियागाराजन के अनुसार, कर्मचारियों के बीच तालमेल का सीधा असर उनके मानसिक स्वास्थ्य पर होता है।