नई दिल्ली, राजेंद्र तिवारीकेंद्र सरकार डीएनबी (डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड) की तर्ज पर सरकारी एवं निजी अस्पतालों में एमबीबीएस की सीटें भी सृजित कर सकती है। इससे अस्पतालों के संसाधनों का सदुपयोग करते हुए नये डॉक्टर तैयार करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने अगले पांच सालों के दौरान एमबीबीएस की 75 हजार सीटें सृजित करने का लक्ष्य रखा है ताकि देश में डॉक्टरों की कमी को दूर किया जा सके। एक उद्देश्य इसके पीछे यह भी है कि बच्चों को मेडिकल की पढ़ाई के लिए विदेशों का रुख नहीं करना पड़े तथा उन्हें आसानी से ही देश में सीटें उपलब्ध हो जाएं।सूत्रों ने कहा कि देश में बड़े पैमाने पर निजी और सरकारी अस्पताल ऐसे हैं जो 100 बेड या उससे अधिक क्षमता के हैं लेकिन उनमें मेडिकल कॉलेज नहीं चल रहे हैं। मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए कम से कम 300 बेड का अस्पताल चाहिए। साथ ही बड़े पैमाने पर संसाधनों की जरुरत होती है। लेकिन इन अस्पतालों के पास वह संसाधन या निवेश करने की क्षमता नहीं है। ऐसे में डीएनबी की तर्ज पर अंडर ग्रेजुएट मेडिकल सीटें इनमें सृजित की जा सकती हैं। अभी डीएनबी यानी डिप्लोमेट नेशनल बोर्ड के तहत निजी अस्पतालों (गैर मेडिकल कॉलेज वाले) में डीएनबी सीटें सृजित की जाती हैं जो मेडिकल की पीजी सीट के बराबर मान्य होती है। एक अस्पताल में सीमित संख्या में दो या चार सीटें होती हैं, वहां डॉक्टर पीजी की पढ़ाई करते हैं तथा नेशनल बोर्ड आफ एक्जामिनेशन (एनबीई) द्वारा उन्हें डीएनबी की डिग्री प्रदान करती है। इस प्रकार मौजूदा समय समय में डीएनबी की 15 हजार से भी अधिक सीटें हैं। डीएनबी के लिए एमबीबीएस छात्रों का चयन एक टेस्ट के जरिये होता है। मौजूदा समय में 30 विशेषज्ञता वाली चिकित्सा शाखाओं में डीएनबी में प्रवेश दिया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों की मानें तो यही प्रक्रिया अंडर ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए भी अपनाई जा सकती है। इसमें अस्पतालों की क्षमताओं के अनुसार डीएनबी में एमबीबीएस सीटें सृजित की जा सकती हैं। इससे मेडिकल सीटों की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी। सूत्रों के अनुसार इस विषय पर गहन विमर्श चल रहा है। बता दें कि देश में इस समय 766 मेडिकल कॉलेज हैं जिनमें एमबीबीएस की 1.16 लाख सीटें हैं। सरकार का लक्ष्य है कि इन्हें अगले पांच-छह सालों के भीतर दो लाख से अधिक किया जाए। नये मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के साथ-साथ डीएनबी के जरिये भी सीटें बढ़ाने को एक अच्छा उपाय माना जा रहा है।