दिल्ली। नीलू सिंह
दिल्ली भाजपा प्रमुख मनोज तिवारी ने 26 जनवरी के मौके पर 20 बहादुर बच्चों की मदद के लिए हस्तक्षेप किया है। गौर करने वाली बात है कि इस बार ये 20 बहादुर बच्चे गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। केंद्र सरकार ने 1957 से 20 बहादुर बच्चों को सम्मानित करने वाले एनजीओ इंडियन काउंसिल फॉर चाइल्ड वेलफेयर (आईसीसीडब्लू) से खुद को अलग कर लिया है। लेकिन इस एनजीओ पर ‘वित्तीय अनियमितता’ के आरोप के बाद सरकार ने इस बार खुद वीर बच्चों का चयन किया है।
तिवारी ने केंद्र सरकार के अधिकारियों से इस बारे में बातचीत की है। मनोज तिवारी ने शनिवार को पीएमओ, गृह मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय को टैग करते हुए ट्वीट किया, ‘मैं इन मासूम, बहादुर बच्चों के लिए भावुक हो गया हूं। हमें इन बहादुरों से मिलना अच्छा लगेगा। यह दुख की बात है कि एक संदिग्ध एनजीओ की वजह से इन बच्चों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।’ महिला और बाल विकास मंत्रालय ने सफाई देते हुए कहा कि एनजीओ पर कुछ वित्तीय अनियमितताओं के आरोप हैं और दिल्ली हाई कोर्ट में इसकी जांच चल रही है। मंत्रालय की तरफ से यह भी स्पष्ट किया गया कि केंद्र सरकार ने अपने नए प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार अवॉर्ड शुरू किए गए हैं, जिसके लिए पहले से ही 26 बच्चे चुने जा चुके हैं। एनजीओ की तरफ से जिन बच्चों को अवॉर्ड मिल रहा है, वो इस बार गणतंत्र दिवस परेड कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाएंगे। इन बच्चों को इसकी काफी निराशा भी है। एनजीओ के पास भी इस बात की कोई योजना नहीं है कि इन बच्चों को कैसे सम्मानित किया जाएगा।