लखनऊ। शिक्षण संस्थान युवाओं को सिर्फ शिक्षित ही नहीं ज्ञानवान भी बनाएं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह बातें कहा कि अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम- 2024 के उद्घाटन समारोह में कही। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम युवाओं में बढ़ रहे उस भटकाव से दूर करने का माध्यम है। साथ ही युवाओं के चरित्र व सर्वांगीण विकास के लिए मंथन करना का भी है। जब वह शिक्षण संस्थान से निकले तो भारत के ऐसे नागरिक के रूप में खुद को जाने जो आत्मविश्वास से भरपूर हो। जीवन के जिस भी क्षेत्र में जो जिम्मेदारी दी जाए, वह आत्मविश्वास के साथ उसे चुनौती के रूप में स्वीकार कर लक्ष्य तक पहुंचाने में अपना योगदान दे सके। यह कार्य उच्च शिक्षण संस्थान से जुड़े आईआईटी, एनआईटी, आईआईएम, केंद्र-राज्य विश्वविद्यालय आदि कर सकते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को विद्या भारती उच्च शिक्षा संस्थान की ओर से लखनऊ विश्वविद्यालय में आयोजित अखिल भारतीय संस्थागत नेतृत्व समागम- 2024 के उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि भारत के गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए शिक्षण संस्थानों के पास फिर से अवसर है। सीएम ने कहा कि पीएम मोदी ने देशवासियों का आह्वान किया कि जब देश आजादी का शताब्दी महोत्सव मना रहा होगा तो हमें कैसा भारत चाहिए। उस भारत के लिए हमारे स्तर पर क्या योगदान हो रहा है। विकसित भारत की परिकल्पना साकार करने के लिए हर भारतवासी के स्तर पर क्या भूमिका होनी चाहिए। यह केवल देश के नेतृत्व का ही नहीं, बल्कि राज्यों, जनपदों, गांवों, व्यक्ति व शिक्षण संस्थानों का भी कार्य है। भारत के गौरव को पुनर्स्थापित करने के लिए शिक्षण संस्थानों के पास फिर से अवसर है। सीएम ने अलग-अलग राज्यों से आए आगंतुकों से अनुरोध किया कि लखनऊ, नैमिषारण्य व अयोध्या का भ्रमण करें। इन जगहों पर क्या नया हो सकता, यह सुझाव भी हमें उपलब्ध कराइए।